- अचानक जांच करने पहुंचे अफसर

- अमरमणि के बैरक की हुई तलाशी

GORAKHPUR: मंडलीय कारागार में अचानक पहुंचे डीआईजी जेल ने बैरक खुलवाकर तलाशी ली। जांच पड़ताल के लिए डीआईजी जेल यादवेंद्र शुक्ला करीब डेढ़ घंटे तक भीतर रहे। शताब्दी बैरक का जायजा लेकर बाहर निकले। जेल की व्यवस्था पर डीआईजी ने संतोष जताया। कहा कोई आपत्तिजनक चीज नहीं मिली। जेल की व्यवस्था ठीक चल रही है।

अचानक देखकर रह गए दंग

मंडलीय कारागार के संबंध में तमाम सूचनाएं अफसरों को मिल रही हैं। मधुमिता शुक्ला हत्याकांड के दोषी पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्‍‌नी मधुमणि की वापसी से जेल फिर सुर्खियों में आ गई है। कुछ दिनों पहले राजनीतिक पहुंच वालों को विशेष सुविधा दिए जाने को लेकर बंदियों ने बवाल काटा था। भूख हड़ताल पर चले गए बंदियों को जेल प्रशासन ने बमुश्किल समझा-बुझाकर शांत कराया। इसके अलावा एक प्रेमी के पेड़ पर चढ़ने को लेकर भी जेल चर्चा में रही। सभी मामलों की जानकारी अफसरों को लगातार मिल रही थी। गुरुवार की शाम करीब साढ़े छह बजे डीआईजी जेल अचानक पहुंचे। बैरकों को खुलवाकर उन्होंने तलाशी ली। जांच के दौरान शताब्दी बैरक में भी गए। अमरमणि के बैरक की जांच करके आवश्यक निर्देश दिए। करीब आठ बजे बाहर निकले डीआईजी ने जेल सुरक्षा और सुविधा को लेकर आवश्यक निर्देश जारी किए।

जेल में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं मिली। जेल अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए है। बैरकों की तलाशी में कोई आपत्तिजनक वस्तु नहीं मिली।

यादवेंद्र शुक्ला, डीआईजी जेल