- अदबो अहतराम के साथ मनाया जाएगा बकरीद का त्योहार

- देर रात तक चलता रहा जानवरों की खरीद-फरोख्त का सिलसिला

GORAKHPUR: ईद-उल-अजहा पर्व बुधवार को अदब, अकीदत व सादगी के साथ मनाया जाएगा। शहर में तकरीबन सभी तैयारियां मुकम्मल हो गई है। ईदगाहों व मस्जिदों में ईद-उल-अजहा की नमाज अदा करने के लिए इंतजाम पूरे हो चुके हैं। सोशल मीडिया पर मुबारकबाद देने का सिलसिला जारी हो गया है।

सुबह 6 बजे से अदा की जाएगी नमाज

ईदगाह व मस्जिद कमेटियों ने बारिश से निपटने के लिए भी इंतजाम किया है। बुधवार को सुबह 6 से 10 बजे तक ईद-उल-अजहा की नमाज जिले की तमाम ईदगाहों व मस्जिदों में अदा की जाएगी। इस दौरान उलेमा-ए-किराम खुतबा देंगे। अवाम को संबोधित भी करेंगे। मुल्क में अमनो अमान व कोरोना से निजात की दुआ मांगी जाएगी। मंगलवार को उलेमा-ए-किराम अवाम से कोविड 19 के मद्देनजर साफ-सफाई व एहतियात बरतने की अपील करते नजर आए।

देर रात तक खरीदारी

कुर्बानी के लिए जहां लोगों ने बकरा ऊंचे दामों पर खरीदारी की है, वहीं इस खुशी के मौके पर बाजार से सेवईयां भी खरीदी है। घरों में लजीज व्यंजनों को बनाने लिए तैयारियां देर रात से शुरु हो गई। मंगलवार देर रात तक कुर्बानी के जानवरों की खरीदारी होती रही। मोलभाव का भी सिलसिल चला। कपड़ों का बाजार भी गुलजार नजर आया। वहीं लोग बड़े जानवरों में हिस्सा लेने के लिए पेशगी रकम देते भी नजर आए। महंगाई का असर कुर्बानी के जानवरों पर दिखा। सात हजार से लेकर 40 हजार रुपए तक के बकरे बाजार में उपलब्ध रहे।

यहां गुलजार रहे बाजार

इलाहीबाग

उर्दू बाजार

शाहमारूफ

खूनीपुर

रेती रोड

मदीना मस्जिद

तुर्कमानपुर

चक्शा हुसैन

अस्करगंज

जाफरा बाजार

रसूलपुर

गोरखनाथ

दीवान बाजार

बक्शीपुर

उंचवा

रहमतनगर

यहां होगी सामूहिक कुर्बानी

दीवान बाजार

गाजी रौजा

रहमतनगर

तुर्कमानपुर

अस्करगंज

घोसीपुरवा

बक्शीपुर

रसूलपुर

सिधारीपुर

बड़े काजीपुर

चिलमापुर

इलाहीबाग

निजामपुर

खोखर टोला

गोरखनाथ

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ईद-उल-अजहा की नमाज अदा करने का तरीका बताया गया

शाही जामा मस्जिद तकिया कवलदह मस्जिद में कुर्बानी पर चल रहे दर्स के आखिरी दिन मंगलवार को हाफिज आफताब ने कहा कि ईद-उल-अजहा पर्व सादगी, शांति व उल्लास के साथ मनाया जाए। साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए। कुर्बानीगाह के चारों तरफ पर्दा लगाकर कुर्बानी करें। तंजीम दावत-उस-सुन्नाह के सदर कारी मोहम्मद अनस रजवी ने बताया कि जिन लोगों के परिवार का कोई सदस्य विदेश में रह रहा हो और परिवार वाले भारत में उस सदस्य की तरफ से कुर्बानी करवाना चाहते हैं तो भारत में और जिस देश में परिवार का सदस्य रह रहा हो यानी दोनों देशों में कुर्बानी का दिन होना जरुरी है। तभी कुर्बानी होगी। अंत में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क में अमनो अमान व भाईचारे की दुआ मांगी गई। दर्स में हाफिज अब्दुर्रहमान, हाफिज आरिफ, मो। कासिद, बशीर खान, मो। इरफान, मो। फरीद, हाजी मो। यूनुस, मो। अफजल, इकराम अली, मो। अरमान, जलालुद्दीन, अली हसन आदि ने शिरकत की।

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इसका ख्याल रखें कि हमारे किसी काम से किसी को भी जर्रा बराबर भी तकलीफ न होने पाए। पर्व में साफ-सफाई का खास ध्यान रखा जाए। कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए सादगी के साथ पर्व मनाया जाए। गरीब व जरूरतमंदों की मदद करें। कुर्बानी के जानवर की खाल के साथ बेहतर रकम मदरसों को दी जाए। जिससे मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों को सहूलियत हो।

- मुफ्ती अख्तर हुसैन मन्नानी, मुफ्ती-ए-शहर

कोविड 19 को ध्यान में रखते हुए एहतियाती तदबीर पर अमल करें। सादगी से पर्व मनाएं। कुर्बानी से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थो को गड्ढों में दफन किया जाए। कुर्बानी का फोटो-वीडियो बिल्कुल न बनाएं। जरूरतमंदों की मदद करें। अल्लाह ने कुरआन-ए-पाक में कुर्बानी करने का हुक्म दिया है। मालिके निसाब पर कुर्बानी वाजिब है। कुर्बानी में बढ़चढ़ कर हिस्सा लें।

- मुफ्ती मोहम्मद अजहर शम्सी, नायब काजी