गोरखपुर (ब्यूरो).छह माह पहले एजेंसी के इंजीनियर ने राप्तीनगर डिपो वर्कशॉप आधुनिक धुलाई मशीन लगाने का सर्वे किया था। पैसेंजर्स को बसों में यात्रा के दौरान स्वच्छता का सुखद अहसास हो। इसके लिए राप्तीनगर डिपो वर्कशॉप में आटोमेटिक वाशिंग प्लांट लगाने का दावा किया गया था। एजेंसी को वाशिंग मशीन लगाने का टेंडर मिल चुका है। रैंप बनाने का कार्य परिवहन निगम के पास है। 20 लाख की लागत से लगने वाली मशीन के कुछ पार्ट आ भी चुके हैं। परिवहन निगम के जिम्मेदारों का कहना है कि चेन्नई की एटीएस कंपनी को मशीन लगाने का कार्य करना है। लेकिन परिवहन निगम की ओर से रैंप बनाने का कार्य पूरा नहीं होने की वजह से प्राब्लम आ रही है। इतना हीं निगम ने अभी तक रैंप बनाने का टेंडर भी नहीं करा सका है। आलम यह हैं कि राप्तीनगर डिपो वर्कशॉप से निकलने वाली बसों की धुलाई नहीं हो पाती है। उन्हें धुलाई के लिए गोरखपुर बस स्टेशन के लिए आना पड़ता है।

बसों की धुलाई में लगता है समय

रोडवेज की बसों की सफाई और धुलाई में वर्कशॉप के कर्मचारियों को काफी समय लगाता है। डेली 35 से 40 बसों की धुलाई होती है। एक बस की धुलाई में कम से कम 30 मिनट का समय खर्च होता है। इसे देखते हुए डिपो में ऑटोमेटिक वाशिंग प्लांट लगाने का प्लान तैयार किया गया। इस आधुनिक मशीन से बसों की धुलाई चंद मिनट में होगी। लेकिन अभी तक वाशिंग मशीन नहीं लगने से बसों की धुलाई नहीं हो पा रही है।

राप्तीनगर डिपो वर्कशॉप में आधुनिक धुलाई मशीन लगाई जानी है। इसके लिए चेन्नई की एटीएस कंपनी का काम मिला है। परिवहन निगम का रैंप बनाने का कार्य मिला है। इसके न बनने की वजह से मशीन लगाने का कार्य पूरा नहीं हो पा रहा है।

- धनजी राम, एसएम गोरखपुर रीजन