गोरखपुर (ब्यूरो)। गेट पर गार्ड, अंदर स्विमिंग पूल और पार्क का अरेंजमेंट भी होगा। जब पब्लिक ने प्लॉट पर कब्जा दिलाने का प्रेशर बनाया, तबसे वह ऑफिस बंद कर फरार हो गया। फर्जीवाड़ा के शिकार लोग अब पुलिस अधिकारियों से न्याय की गुहार लगा रहे हैं। एसपी सिटी के निर्देश पर बिल्डर के खिलाफ कैंट थाने में सात एफआईआर दर्ज की गई।

7 किमी दूर बन रही कॉलोनी

दमयंती श्रीवास्तव, अर्चना और अनुराधा समेत कई पीडि़त एसपी सिटी से मिलने बुधवार को उनके दफ्तर पहुंचे। उन्होंने बताया कि रुस्तमपुर में शारदा सिटी नाम से एक ऑफिस खुला था। वहां के मैनेजर अजय श्रीवास्तव ने बताया कि शहर से 7 किमी दूर खजनी रोड पर शारदा सिटी नाम से कॉलोनी बन रही है। यहां बहुत सस्ता प्लॉट मिल जाएगा। उन्होंने बताया कि वहां एक खाली जमीन दिखाकर हम लोगों की बिल्डर ने रजिस्ट्री भी कराई। रजिस्ट्री के नाम पर 5 से 10 लाख रुपए तक बिल्डर ने लोगों से लिए।

साल 2019 से ही नहीं दे सका जमीन

अर्चना ने बताया कि उन्होंने साल 2019 में शारदा सिटी में एक प्लॉट रजिस्ट्री कराया था। चार साल बीत गए, लेकिन जमीन का पता नहीं चल पाया। उन्होंने बताया कि उनके साथ ही कुछ और लोगों ने भी वहां प्लॉट लिया था। उनके भी प्लॉट का पता नहीं चला। उन्होंने बताया कि जब भी मैनेजर से मिलने जाते थे, वह अगले दिन आने के लिए कहकर टाल देता था। अचानक वहां लोगों की भीड़ बढऩे लगी तो मैनेजर और बिल्डर दोनों ने ही बात करना छोड़ दिया। रुस्तमपुर स्थित ऑफिस भी बंद कर दिया।

तीन माह से पुलिस को दे रहा टपका

शारदा सिटी बना रहे बिल्डर अच्छे मिश्रा से पुलिस तीन माह से संपर्क करना चाह रही है। उसे अपनी बातें रखने के लिए कई बार भी बुलाया भी गया। लेकिन वह इधर-उधर की बातें कर आने में खुद का असमर्थ बताया। बिल्डर ने शारदा सिटी का कैटलॉग छपवाया है। उसपर तीन नंबर 7510003954, 7510003958, 7510003955 दिए गए हैं। यह नंबर अब अस्तित्व में नहीं हैं।

प्लॉट के नाम पर धोखाधड़ी का मामला संज्ञान में आया है। कैंट थाने को निर्देशित किया गया है कि इस मामले में जितने भी पीडि़त हैं, उनका मुकदमा तत्काल दर्ज किया जाए। बिल्डर की भी तलाश पुलिस कर रही है।

- कृष्ण कुमार बिश्नोई, एसपी सिटी