गोरखपुर (ब्यूरो).बारिश न होने और सिंचाई न हो पाने से कई किसानों के खेतों में दरार पड़ गई है। यह देखकर किसानों के माथे पर पसीना छूट रहा है। आसमान की ओर बारिश की उम्मीद में देखते हुए ईश्वर से प्रार्थना कर रहे है।

बरईपास सरदारनगर के मणिकांत पांडेय ने कहा कि जुलाई का लगभग आधा महीना बीतने वाला है। मानसून के समय से न आने के कारण किसान परेशान हैं। यहां सूखे जैसे हालत हो चुके हैं। बारिश न होने के कारण धान की फसल की रोपाई तो किसी तरह से की गई है लेकिन बारिश न होने से परेशानी बढ़ गई है। पंपिंग सेट से पानी चलाकर किसान आर्थिक रूप से कमजोर होते जा र हे हैं। कुछ दिन बारिश और नहीं हुई तो फसल बर्बाद हो जाएगी।

चौरीचौरा एरिया के जंगल रसूलपुर नं दो निवासी सुरेंद्र यादव ने बताया कि ब्रहमपुर ब्लाक में बारिश न होने से सूखे का सामना करना पड़ रहा है। खेतों में पानी चलाने के लिए पूरे साल के लिए घर में रखा गया गेहूं बेचकर डीजल खरीदना पड़ रहा है। इसके बाद पंपिंग सेट से खेतों में पानी चलाया जा रहा है। अगर कुछ दिन और बारिश नहीं हुई तो फसल पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी।

खेतों में नमी बनाए रखें किसान

बारिश न होने से धान की रोपाई सूखने के कगार पर पहुंच गई है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार ऐसी हालत में किसान खेतों में नमी बनाए रखें। पंपिंग सेट से शाम पांच बजे के बाद पानी भरे। इससे फसल के झुलसने का खतरा नहीं रहेगा। बारिश न होने के कारण खेतों में खरपतवार भी जमने लगते हैं.ऐसे में किसान कृषि रयायन 20 पायरी वेकेसोडियम 10 प्रतिशत का छिड़काव करें।

अभी बारिश की उम्मीद नहीं है। हालांकि छिटपुट बारिश कभी हो सकती है। अगले हफ्ते संभव है कि बारिश हो लेकिन इसके भी आसार कम ही नजर आ रहे हैं

- जय प्रकाश गुप्ता, मौसम विज्ञानी

धान के लिए पानी की अत्याधिक जरूरत होती है। हालांकि बारिश की अभी उम्मीद बरकरार है, आसार हैं कि तीन-चार दिन में बारिश हो। हालांकि किसान खेतों में पंपिंग सेट से पानी चलाते रहें। अगर खेतों को पानी नहीं मिला तो फसल बर्बाद हो जाएगी।

-आरडी वर्मा, जिला कृषि रक्षा अधिकारी