- 300 से अधिक युवकों से वसूले 40-40 हजार रुपए

- तीन साल से चल रहा था खेल, अमेरिका और अन्य देशों में भेजने का किया था वादा

SAHJANWA: गोरखपुर और संतकबीरनगर जिले के 300 से अधिक युवकों से विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर करीब सवा करोड़ रुपए की ठगी की गई। इस रैकेट में हरपुर थाना क्षेत्र समेत कई क्षेत्रों के दर्जनभर आरोपी शामिल हैं। ठगी का यह खेल करीब तीन साल से चल रहा था। इस दौरान दर्जनभर एजेंटों के रैकेट ने युवकों को अमेरिका सहित कई देशों में नौकरी दिलाने के नाम पर फांसा। इनका निशाना अधिकतर अकुशल मजदूर बने हैं। विदेश नहीं भेजे जाने के बाद पीडि़त लोग काफी समय से रुपए वापस करने के लिए एजेंटों पर दबाव बना रहे थे लेकिन एजेंट फरार हो गए। मंगलवार को दर्जनभर पीडि़तों ने तहसील पर प्रदर्शन किया और हरपुर थाने में तहरीर दी, तब इस मामले का खुलासा हुआ। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।

पुलिस भी चकराई

संत कबीरनगर जिले के मनमन कुड़ा निवासी बादशाह हुसैन ने हरपुर थाने में मंगलवार को तहरीर दी। उनके साथ गोरखपुर जिले के बेलघाट थाना क्षेत्र के मोहनपुर निवासी प्रदीप, सिकरीगंज के सखौना निवासी श्याम गौड़ सहित ठगी के शिकार दर्जनभर युवक भी थाने पहुंचे थे। युवकों ने जब ठगों के रैकेट की पूरी जानकारी दी और बताया कि विदेश में नौकरी के नाम पर करीब सवा करोड़ रुपए ठग लिए गए तो पुलिस भी चकरा गई। तहरीर में ब्रह्मदेव निवासी परमेश्वरपुर, सुरेन्द्र निवासी चांदपार, अनुराग निवासी रामनगर, सुरस श्रवण शर्मा निवासी चांदपार, सुनील यादव निवासी देवराड़ तुला को आरोपित करते हुए कहा गया है कि इन लोगों ने 300 से अधिक युवकों से 40-40 हजार रुपए वसूले।

कुछ को पासपोर्ट भी दिया

तीन साल पहले एजेंटों ने युवकों से संपर्क साधना शुरू किया था। इसके बाद लगातार नए युवकों को फांसते चले गए। इस बीच कुछ युवकों को संदेह हुआ तो उन्होंने पैसा वापस मांगा। इधर एजेंटों की वसूली चल ही रही थी। खेल खराब न हो जाए, इसलिए विश्वास दिलाने के लिए कुछ युवकों को पासपोर्ट भी थमा दिया। इससे यह मामला कुछ दिनों के लिए दब गया लेकिन फिर कई महीने बीतने के बाद युवक अपने पैसे के लिए दबाव बनाने लगे तो एजेंट घर छोड़कर फरार हो गए। पुलिस ने कुछ पासपोर्ट कब्जे में लिए हैं और उनकी असलियत जांच रही है।

कोट

- युवकों से कुछ पासपोर्ट मिले हैं। उनकी जांच की जा रही है। तहरीर के आधार पर केस दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।

- श्याम बिहारी, एसओ, हरपुर