गोरखपुर (ब्यूरो)। इससे वह अपने मरीज का इलाज जल्द से जल्द शुरू करा सकेंगे। इसके लिए सेंट्रल पैथोलॉजी में फुली ऑटोमेटेड यूरिन एलालाइजर मशीन लगाई गई है। करीब 30 लाख रुपए लागत से लगी इस मशीन से एक घंटे में 900 से 1000 जांच हो सकेगी। इतना ही नहीं यूरिन के जरिए इससे जुड़ी सारी जांचों के रिजल्ट मिनटों में सामने होंगे। जिससे मरीज का टाइमली इलाज शुरू हो सकेगा।

हो सकेगी कंप्लीट एनालिसिस

मेडिकल कॉलेज में लगी इस मशीन के जरिए यूरिन का कंप्लीट एनालिसिस किया जा सकेगा। इसमें फिजिकल, केमिकल से साथ ही माइक्रोस्कोपिक प्रॉपर्टी का भी पल भर में पता चल सकेगा। अब तक बीआरडी मेडिकल कॉलेज में माइक्रोस्कोपी मैनुअल की जाती रही है। मगर नई मशीन लग जाने के बाद इनबिल्ट ऑटोमेटेड माइक्रोस्कोप है, झटपट सैंपल की एनालिसिस कर इसका रिजल्ट दे देगा। इतना ही नहीं इससे मस्तिष्क और रीढ़ की समस्याओं के साथ-साथ सेंट्रल नर्वस सिस्टम को अफेक्ट करने वाली कंडीशन का भी पता लगाने में मदद मिल सकेगी। मेनिजनाइटिस, टीबी, मस्तिष्क ट्यूमर जैसी बीमारियों का पता लगाने में मदद मिलेगी।

अभी हर घंटे 45-55 सैंपल

मेडिकल कॉलेज में मौजूद वक्त की बात करें तो पुरानी मशीन से एक घंटे में 45 से 55 सैंपल की ही जांच हो पाती है। सेंट्रल पैथोलॉजी में डेली 900 से 1000 सैपल आते हैं। देखा जाए तो लगभग 20 हजार जांचे प्रतिदिन होती हैं, इसलिए पेशेंट्स की जांच रिपोर्ट समय से नहीं मिल पाती है। इमरजेंसी मरीजों की रिपोर्ट तैयार करने में भी पांच-छह घंटे लग जाते हैं। कुछ मरीजों को रिपोर्ट दूसरे या तीसरे दिन मिल पाती है। मगर अब इस नई मशीन के इंस्टॉलेशन के बाद मरीजों को काफी राहत मिलेगी।

हो सकेंगी यह जांचें -

फिजिकल जांच - कलर, स्पेसिफिक गेे्रविटी, टर्बिडिटी

केमिल जांच - प्रोटीन, शुगर, बिलिरूबिन, कीटोन बॉडीज, यूरोविलिनोजन, बाइल पिगमेंट्स, ब्लड

माइक्रोस्कोपी - आरबीसी, डब्ल्यूबीसी, यूरीन कास्ट, क्रिस्टल, एपिथिलियल सेल्स, यीस्ट, बैक्टिरिया

इनका भी लगेगा पता -

फेफड़ों के पानी - टीबी, कैंसर, निमोनिया आदि

पेट का पानी - लीवर से संबंधित रोग, आंत व अंडाशय से संबंधित कैंसर, लीवर कैंसर,

हृदय संबंधी - हृदय रोग की जांच

सीएसएफ - मस्तिष्क में द्रव्य की जांच

फुली ऑटोमेटेड यूरिन एनालाइजर मशीन स्थापित हो जाने से मरीजों को बड़ी राहत मिल जाएगी। एक घंटे में 45 से 55 सैंपल की जगह अब हजार तक सैंपल्स की जांच हो जाएगी। जिससे रिपोर्ट भी जल्दी मिल सकेगी।

- डॉ। शैला मित्रा, प्रभारी, सेंट्रल पैथोलॉजी

स्वास्थ्य सुविधाओं को सरकार विशेष ध्यान दे रही है। इसी क्रम में ऑटोमेटेड यूरिन एनालाइजर मशीन आई है। उसे इंस्टॉल किया जा रहा है। जल्द ही जांच शुरू हो जाएगी।

- डॉ। गणेश कुमार, पिं्रसिपल बीआरडी मेडिकल कॉलेज