गोरखपुर (अमरेंद्र पांडेय).बता दें, गोरखपुर शहर नदियों से घिरा है। वहीं, रामगढ़ताल भी पर्यटन का प्रमुख केंद्र है, लेकिन राप्ती नदी, आमी नदी, रोहिनी नदी समेत घाघरा नदी की वॉटर क्वालिटी को लेकर हुई सैैंपलिंग में पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड ने अगस्त 2022 की चौंकाने वाली रिपोर्ट जारी की है। न सिर्फ गोरखपुर के नदियों की रिपोर्ट आई है। बल्कि प्रदेश की अन्य नदियों का बुरा हाल है।

एनजीटी ने लगाया 120 करोड़ जुर्माना

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने यूपी गवर्नमेंट पर 120 करोड़़ रुपए का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना गोरखपुर के रामगढ़ताल, राप्ती नदी, आमी नदी, रोहिन नदियों में प्रदूषण के चलते लगाया गया है। ट्रिब्यूनल ने फैक्ट्रियो से निकलने वाले प्रदूषित पानी का छोड़ा जाना व प्रदूषण के नियमों का पालन नहीं करने को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह ऐेसे फैक्ट्रियों के खिलाफ कार्रवाई करें। एनजीटी ने गोरखपुर में सीवेज के निकास की समुचित व्यवस्था न होने के लिए भी प्रदेश सरकार को जिम्मेदार माना है। गीडा इंडस्ट्रियल एरिया में अल्कोहल और सरिया की तकरीबन एक दर्जन फैक्ट्रियों से निकलने वाला केमिकल युक्त पानी आमी नदी में जाता है। यह पानी आसपास के लोगों के खेतों पर भी बुरा प्रभाव डाल रह है। जबकि इसके पहले एनजीटी के मानकों पर खरा नहीं उतरने पर सरदार नगर स्थित एक शराब फैक्ट्री पर ताला लग गया था।

राप्ती नदी, डोमिनगढ़

पीएच वैल्यू- 7.76

घुलित ऑक्सीजन - 7.6

बॉयो केमिकल ऑक्सीजन डिमांड - 3.5

केमिकल ऑक्सीजन डिमांड - 23.8

टोटल कोलिफार्म - 30,000

फीकल कोलिफार्म - 18,000

राप्तीनदी, गोरखपुर

पीएच वैल्यू- 7.66

घुलित ऑक्सीजन -7.4

बॉयो केमिकल ऑक्सीजन डिमांड - 5.4

केमिकल ऑक्सीजन डिमांड - 32

टोटल कोलिफार्म - 42000

फीकल कोलिफार्म - 18,000

आमी नदी, सरैया नाला के पास

पीएच वैल्यू- 7.56

घुलित ऑक्सीजन -7

बॉयो केमिकल ऑक्सीजन डिमांड - 5.8

केमिकल ऑक्सीजन डिमांड - 48

आमी नदी, छातई रोड ब्रिज के पास

पीएच वैल्यू- 7.34

घुलित ऑक्सीजन -6

बॉयो केमिकल ऑक्सीजन डिमांड - 18

केमिकल ऑक्सीजन डिमांड - 82

(नोट: रिपोर्ट अगस्त 2022 की है.)

प्रदेश की अन्य नदियों का हाल

गंगा नदी - डी कैटगेरी (सैंपलिंग प्वाइंट कन्नौज, बिठूर, भैरव घाट, कानपुर, शुक्लागंज, गोला घाट कानपुर)

यमुना नदी - डी कैटगेरी (सैंपलिंग प्वाइंट विश्राम घाट, मथुरा, कैलाशघाट आगरा, वॉटर वक्र्स आगरा, ताजमहल आगरा, फिरोजाबाद)

घाघरा नदी - डी कैटगेरी (सैंपलिंग प्वाइंट बड़हलगंज गोरखपुर, तुर्तीपुर देवरिया)

सरयू नदी - डी कैटगेरी (सैंपलिंग प्वाइंट अयोध्या)

हिंडन नदी - ई कैटगेरी (सैंपलिंग प्वाइंट सरधाना-बुढ़ाना रोड मेरठ और मेरठ-बागपत रोड)

काली (पूर्वी) नदी - ई कैटगेरी (सैंपलिंग प्वाइंट गढ़ रोड मेरठ और खरखोड़ा-परिक्षित गढ़ रोड मेरठ)

रामगंगा नदी - डी कैटगेरी (सैंपलिंग प्वाइंट मुरादाबाद-रामपुर रोड ब्रिज, कपूरपुर गांव मीरगंज बरेली)

वरुणा नदी - डी कैटगेरी (सैंपलिंग प्वाइंट रामेश्वर वाराणसी)

लखनऊ में गोमती नदी का हाल खराब

गोमती नदी के पानी की 5 जगह सैंपलिंग की गई। इसमें दधनामऊ घाट सीतापुर और मांझीघाट लखनऊ की रिपोर्ट सी कैटेगरी में आई। मतलब इस पॉइंट का पानी यहां के पानी पारंपरिक उपचार और कीटाणुशोधन के बाद पीने योग्य है। जबकि वॉटर इंटेक गऊघाट डी कैटेगरी में है। कुडिय़ाघाट लखनऊ और मोहन मेकिंस लखनऊ और निशातगंज ब्रिज लखनऊ का पानी ई कैटेगरी में है। मतलब यहां के पानी को सिंचाई में और इंडस्ट्रियल यूनिट की कूलिंग में यूज कर सकते हैं।

डी ग्रुप कितना खतरनाक

पॉल्युशन बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार डी कैटेगरी के पानी में बहुत अधिक संख्या में बैक्टीरिया होते हैं, जो जलीय जीव जंतुओं के साथ मानव के लिए खतरा हैं। इससे कई तरह की बीमारियां होने की आशंका रहती है।