-हर बार ज्वॉइनिंग के साथ नए पुलिस अधिकारी बनाते हैं ट्रैफिक सुधारने का प्लान, नहीं मिल पाती कामयाबी

-धरी की धरी रह जाती हैं सारी कवायदें, सिटी के चौराहों पर नहीं सुधरे हालात

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GORAKHPUR: शहर में जाम की समस्या बदस्तूर कायम है। हर नया अफसर शहर में ट्रैफिक प्रॉब्लम का सॉल्यूशन ढूंढने की कवायद करता है। कुछ दिन तक प्लान इंप्लीमेंट होता है। लगता है कि अब जाम की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा। लेकिन तभी अफसर का तबादला हो जाता है और समस्या जस की तस हो जाती है। अब नए एडीजी ने भी सिटी को जाम मुक्त बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है। लेकिन उससे पहले आइए समझ लेते हैं कि कब और कैसे-कैसे बनाया गया प्लान और कैसे हुआ नाकाम।

जनवरी 2020

एसपी सिटी डॉ। कौस्तुभ की रणनीति

-चौराहों को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए लाल घेरा बनाया गया था।

-हर चौकी इंचार्ज और थाना प्रभारी की भूमिका का निर्धारण किया गया था।

-वॉट्सअप ग्रुप के जरिए मॉनीटरिंग, जाम लगने पर तत्काल कार्रवाई की जाए।

-ट्रैफिक पुलिस और अन्य विभागों से को-ऑर्डिनेशन बैठाकर एक्शन लिया जाए।

अप्रैल 2018

सीओ ट्रैफिक प्रवीण सिंह का प्लान

-धर्मशाला चौराहा पर ऑटो को सही ढंग से खड़ा कराया जाए।

-असुरन की तरफ जाने वाले टेंपो अंडरब्रिज के पहले खड़े होंगे।

-ट्रैफिक पुलिस और होमगार्ड की संख्या बढ़ाई जाएगी।

-स्कूल छूटने पर इनकम टैक्स तिराहा के पास वन वे रहेगा।

-काली मंदिर तिराहा पर डिवाइडर लगाए जाने की योजना थी।

-मंदिर तिराहे के उत्तर लगने वाले ऑटो को हटाया जाएगा।

जून 2016

आईजी जोन मोहित अग्रवाल का प्रयास

-सभी चौराहों पर कोना खाली करो अभियान।

-जाम लगने के कारणों की पूरी तरह से पड़ताल।

-हर चौराहे पर दिन के समय फोर्स की ड्यूटी।

-चौराहों से 50 मीटर की दूरी पर व्हीकल खड़े करने का फरमान।

-नो एंट्री के दौरान ट्रकों की आवाजाही पर रोक, शहर में खड़ा पाए जाने पर चालान।

-सभी चौराहों पर यातायात मित्र बनाकर उनकी मदद से जाम रोकने की कवायद।

यहां जाम से हाल बेहाल

1. रुस्मतपुर चौराहा।

2. छात्रसंघ चौराहा

3. काली मंदिर

4. मोहद्दीपुर चौराहा

5. विजय चौराहा

6. बैंक रोड

7. घोष कंपनी

8. रेती रोड

9. नखास

10. गीता प्रेस

बॉक्स

दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट बता रहा है उपाय, ऐसे मैनेज करें तो खत्म होगा जाम

1.

प्राइवेट बसों को खड़ा करने के लिए कोई एक जगह फिक्स होनी चाहिए। अभी आरटीओ से लेकर यूनिवर्सिटी चौराहा, मोहद्दीपुर, पैडलेगंज पर तितर-बितर खड़े डग्गामार वाहन जाम की वजह बनते हैं। रेलवे बस स्टेशन पर बसों के खड़े होने को लेकर सख्ती बरती जाए।

2.

सिटी में चलने वाले ऑटो का संचालन रूट के हिसाब से होना चाहिए। इनका स्टॉपेज भी निर्धारित किया जाए। जिससे यह हर जगह से सवारी उतारना और भरना बंद करें। चौराहों पर ऑटो और रिक्शा खड़े होने के लिए स्थान तय हों। निर्धारित पार्किग वाली जगहों पर सभी के व्हीकल सख्ती से खड़े हों।

3.

पब्लिक को सिविक सेंस के लिए अवेयर किया जाए। इसके लिए कंसिस्टेंटली स्पेशल ड्राइव चलाई जाए। सड़कों पर पीली और सफेद पट्टियां बनाई जाएं। चौराहों पर लेनवाइज ऐरो बनाकर गाइड किया जाए। किसे किधर से मुड़ना है, किधर चलना है। इसके लिए भी ऐरो बनाए जाएं।

4.

मोहद्दीपुर चौराहा पर जाम रोकने के लिए फ्लाईओवर। नकहा रेलवे क्रॉसिंग पर फ्लाईओवर बने। खजांची चौराहे से मेडिकल कॉलेज, असुरन की ओर फ्लाईओवर। रुस्तमपुर चौराहे पर ट्रांसपोर्ट नगर से लेकर पैडलेगंज तक फ्लाईओवर बनाया जाए।

5.

सड़क किनारे अतिक्रमण पर ध्यान देने की जरूरत है। इसके लिए साइकिल पाथ को भी यूज किया जा सकता है। फिलहाल यह पूरी तरह से यूजलेस है। इसी तरह से सड़क किनारे लगे ठेलों, पार्किंग वगैरह पर भी काम करने की जरूरत है।

वर्जन

वर्तमान में जाम की स्थिति जस की तस है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह सिविक सेंस की कमी है। टाउन प्लानर और ट्रैफिक की जानकारी रखने वाले लोगों की मीटिंग बुलाकर व्यवहारिक समस्याओं को दूर करने की कोशिश होनी चाहिए। हर चौराहे का एक प्लान हमारे पास है, उसे इंप्लीमेंट करना होगा। तभी प्रॉब्लम सॉल्व होगी।

-इंजीनियर सतीश सिंह, टाउन प्लानर