गोरखपुर (ब्यूरो).सिटी की ऐतिहासिकता, देश की प्रमुख पीठों में शुमार गोरक्षपीठ, सौ साल से सस्ती धार्मिक एवं नैतिक पुस्तकों के प्रकाशन के लिए पूरी दुनिया में मिसाल गीता प्रेस और भौगोलिक रूप से बौद्धिस्ट सर्किट (कुशीनगर, कपिलवस्तु एवं श्रावस्ती) के बीचोबीच स्थिति गोरखपुर खुद में खास बनाती है। इस लिहाज से देखें तो गोरखपुर में पर्यटन के लिहाज से खासी संभावनाएं हैं। यही वजह है कि टूरिज्म डिपार्टमेंट ने अगले पांच वर्षों में जिन पांच शहरों को वैश्विक स्तर की सुविधाओं से संतृप्त करने का टारगेट रखा है। उसमें गोरखपुर भी शामिल हैं। बाकी सिटी में अयोध्या, मथुरा, वाराणसी, चित्रकूट और बौद्धिस्ट सर्किट से जुड़ी जगहें है।

टूरिज्म के प्रति आकर्षण का केंद्र है गोरखपुर

बता दें, पांच साल पहले यह शहर मच्छर एवं माफिया के लिए बदनाम था। उस समय कोई यहां पर्यटन की संभावनाओं के बाबत सोच भी नहीं सकता था। अब वही गोरखपुर पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनता हुआ दिखाई दे रहा है। अगले पांच साल में इन क्षेत्र की संभावनाओं को और विस्तार देते हुए पर्यटन विभाग ने पर्यटन के लिहाज से वैश्विक स्तर का बनाने का लक्ष्य रखा है। यानी आने वाले समय में गोरखपुर की चमक पर्यटन के ग्लोबल मैप पर होगी।

मरीन ड्राइव एवं जूही चौपाटी से होती है रामगढ़ताल

इनमें सबसे अहम है रामगढ़ताल-एक दौर वह भी था जब 1700 एकड़ में फैले इस ताल की पहचान गंदगी से होती थी। आज इसकी पहचान खूबसूरती से हो चुकी है। लेक व्यू पॉइंट, नौकायन सेंटर, सेल्फी प्वाइंट जैसे स्थल इसकी शोभा बढ़ा रहे हैैं, सैलानियों को साउंड एंड लाइट शो भी खूब आकर्षित कर रहा है। यहां आने वाले पर्यटकों को ताल में कई तरह की नावों की सवारी करने के साथ ही डबल डेकर बोट और कयाकिंग का भी आनंद मिलना शुरू हो चुका है।

सन - इंडियन - फॉरेन - टोटल

2016 - 23,46,121- 35,638 - 23,81,759

2017 - 24,05,705 - 36,249 - 24,41,949

2018 - 27,53,546 - 38,715 - 27,92,261

2019 - 30,09,033 - 42,010 - 30,51,043

2020 - 14,68,390 - 8,909 - 14,77,299

2021 - 9,41,647 - 1,378 - 9,43,025

गोरखपुर में टूरिज्म के क्षेत्र में अपार संभावनाएं बढ़ी है। पहले के मुकाबले सैलानियों के संख्या में भारी इजाफा हुआ है। अगले पांच साल में इसे टूरिज्म डेवलप करने की तैयारी चल रही हैै।

रविंद्र कुमार मिश्रा, क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी