- शहर के एक दर्जन से अधिक मोहल्लों में अधूरे पड़े हैं कार्य

- पब्लिक को हो रही है परेशानी लेकिन नहीं सुन रहे जिम्मेदार

GORAKHPUR: नगर निगम में चलने वाला टेंडर का खेल जिम्मेदारों के लिए मजा तो पब्लिक के लिए सजा बन चुका है। व्यवस्थाएं दुरुस्त रखने के नाम पर निगम कार्यो के लिए टेंडर तो खूब निकालता है लेकिन जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते जमीनी स्तर पर कुछ हो ही नहीं पाता। कुछ ऐसी ही लापरवाही पिछले तीन माह से शहर के दो दर्जन से अधिक मोहल्लों में देखने को मिल रही है। इन एरियाज में सड़क, नाली आदि से जुड़े कार्यो के लिए चुनाव आचार संहिता लागू होने के पहले निकाले गए 400 टेंडर्स में से 100 कार्य अभी तक अधूरे ही पड़े हैं। वहीं, कई जगह तो कार्य शुरू ही नहीं हो सके हैं। उधर, इन कार्यो से संबंधित शिकायत लेकर नगर निगम पहुंचने पर पब्लिक को जिम्मेदार चुनाव होने का बहाना बनाकर टाल दे रहे हैं।

स्थान- बिछिया पीएसी गेट

नाले से लटक गया पुल का कार्य

बिछिया पीएसी गेट के पास नया पुल बनने के बाद पुराने नाले की जगह पर नया नाला बनना था। लेकिन ठेकेदार के मनमाने रवैये के चलते इसका कार्य अधूरा ही रह गया। नाला ना बनने के कारण पुल का एप्रोच नहीं बन पा रहा है। बता दें, इस नाले के निर्माण की जिम्मेदारी नगर निगम की थी। आसपास के लोगों की मानें तो ठेकेदार की मनमानी के चलते अभी तक 200 मीटर लंबे नाले में 50 मीटर से अधिक हिस्से का कार्य बाकी है। लोगों का ये भी कहना है कि ठेकेदार लोगों को परेशान भी करता रहता है। कई बार शाम को जब यहां सब्जी मार्केट लगाता है, उसी समय ठेकेदार के लोग नाले की खोदाई के बाद निकली मिट्टी उठाने लगाता है। जिस कारण इस सड़क पर जाम लग जाता है।

स्थान- स्पो‌र्ट्स कॉलेज के बगल का रास्ता

गड्ढे तक ना भर सके जनाब

महराजगंज की तरफ से आने वालों के लिए एक रास्ता झुंगिया गेट से होते हुए मानबेला, करीम नगर, इंद्रप्रस्थ कॉलोनी होते हुए स्पो‌र्ट्स कॉलेज के बगल में होते हुए जेल बाईपास में मिल जाता है। अक्टूबर माह में इस रास्ते पर सड़क निर्माण का टेंडर हुआ। उसी महीने के लास्ट में वर्कऑर्डर भी जारी हो गया। लेकिन उसी समय बड़े नोट बंद होने पर ठेकेदार ने कार्य शुरू नहीं किया। उसके बाद अधिकारियों ने भी इस मामले को लेकर कोई संज्ञान नहीं लिया। वर्तमान स्थिति ये है कि अभी भी ये रास्ता बेहद खस्ताहाल है।

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कैसे मिटेगी वॉटरलॉगिंग की दिक्कत

नगर निगम की ओर से निकाले गए इन 400 टेंडर्स में मुख्य कार्यो में से एक था वॉटरलॉगिंग की समस्या। इनमें वार्ड नंबर 63 स्थित दीवान बाजार में पांच कार्य होने थे। इन कार्यो के लिए टेंडर भी बीते नवंबर में निकला था। लेकिन अभी तक कार्य शुरू नहीं हो पाया है। स्थानीय नागरिक जब ठेकेदार से कार्य शुरू होने की बात करते हैं तो वह सिर्फ जल्द ही शुरू होने का आश्वासन देता है। एक जेई ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि कई वा‌र्ड्स ऐसे हैं, जहां टेंडर निकाले जाने के बावजूद कार्य शुरू नहीं हो पाएं हैं।

कुछ अन्य अधूरे प्रमुख कार्य

- नौसड़ और आजाद चौराहा चौड़ीकरण

- सिधारीपुर में दो बड़े ट्यूबवेल लगाने का कार्य

- शहर के पांच पा‌र्क्स का सौंदर्यीकरण

- अलीनगर में डिवाइडर निर्माण

- कच्ची बगिया में सड़क निर्माण