गोरखपुर (ब्यूरो).गोपलापुर की एक गर्भवती के साथ कुछ लोग जिला महिला अस्पताल पहुंचे। गर्भवती का यह दूसरा सिजेरियन है। एनेस्थेटिस्ट न होने से सिस्टर ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया। इस पर गर्भवती के साथ आए लोग आगबबूला हो गए और अपने को बांसगांव का बताते हुए सिस्टर से बदसलूकी करने लगे। उन्होंने डॉक्टर को इसकी सूचना दी। डॉक्टर पहुंचीं तो उनसे भी उन्होंने बदसलूकी की। उन्होंने एक सहायक को तत्काल घोष कंपनी चौराहे पर जाकर पुलिस बुला लाने को कहा। इसके बाद उपद्रवी भागे।

सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं

रात को सिस्टर व डॉक्टर के भरोसे जिला महिला अस्पताल रहता है। न तो कोई गार्ड है और न ही जिम्मेदार रात को रुकते हैं। शनिवार की रात की घटना से सिस्टर व डॉक्टर दहशत में हैं। कर्मचारियों का कहना है कि प्रबंधक तो कभी रात में रुकते ही नहीं हैं।

एकमात्र एनेस्थेटिस्ट, वह भी समय पर नहीं आते

कर्मचारियों ने बताया कि अस्पताल में मात्र एक एनेस्थेटिस्ट हैं। वह भी समय से नहीं आते। उनकी ड्यूटी दिन में दो बजे से है, लेकिन वह शाम को छह बजे आते हैं। रात आठ बजे तक जितना ऑपरेशन हो पाता है, उतना डॉक्टर करती हैं। इसके बाद आई गर्भवती को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया जाता है।

यह मामला गंभीर है। रात को तीन गार्डों की ड्यूटी लगाई गई है। यदि वे नहीं थे तो कार्रवाई की जाएगी। एनेस्थेटिस्ट को ऑन कॉल बुलाने की व्यवस्था है। इस मामले की जांच कराई जाएगी। रोगी से उपद्रवियों के बारे में जानकारी हासिल कर उनके खिलाफ भी कार्रवाई के लिए पुलिस की मदद ली जाएगी।

- डॉ। एनके श्रीवास्तव, एसआईसी, जिला महिला अस्पताल