गोरखपुर (ब्यूरो).यह दो केस बानगी भर है। ऐेसे में जब दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने रियल्टी चेक की तो डॉक्टर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है। आए दिन परिजन अपने प्रसूता के साथ आते हैैं और इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए उपद्रव करते हैैं। जबकि एसआईसी को इस बात की जानकारी भी है, लेकिन वह इस समस्या का समाधान करने के बजाय आंखें मूंद रखे हैैं। आए दिन डॉक्टर्स, मेडिकल स्टाफ के साथ बदसलूकी आम बात हो गई है।

केस वन

जिला महिला अस्पताल की डॉक्टर डॉ। सविता रानी शर्मा ने युवक पर जबरिया वसूली, धमकी देने और आईटी एक्ट का मुकदमा दर्ज कराया है। आरोप है कि युवक रुपए मांग रहा था, न देने पर मनगढ़ंत वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल कर दिया। कोतवाली थाना पुलिस आरोप की जांच कर रही है।

केस टू

जिला महिला अस्पताल में शनिवार की देर रात गर्भवती को लेकर पहुंचे तीमारदारों ने सिस्टर व डॉक्टर के साथ बदसलूकी की। पुलिस बुुलाने पर वे भाग गए। पुलिस ने डॉक्टर व सिस्टर का बयान लिया, लेकिन उपद्रवियों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जबकि गर्भवती अस्पताल में अभी भर्ती हैैं। मौके पर न तो कोई गार्ड था और न ही जिम्मेदार प्रबंधक भी गायब थे।

सुरक्षा के लिए नहीं है इंतजाम

हॉस्पिटल मैनेजर डॉ। कमलेश बताते हैैं सुरक्षा के लिए जो सिक्योरिटी गार्ड की तैनाती की गई है। वह महज 10 हैैं, जो तीन शिफ्ट में ड्यूटी करते हैैं। जबकि सिक्योरिटी गार्ड की जरुरत है। आए दिन कोई भी हॉस्पिटल में प्रवेश कर जाता है। जबकि कई बार तो डॉक्टर के चैैंबर में भी लोग घुस जाते हैैं। मना करने पर गाली-गलौज करना और वीडियो बनाकर ब्लैक मेल करने तक धमकी देने लगते हैैं। रात के वक्त में सुुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है।

जिला महिला अस्पताल में मरीज के साथ आने वाले परिजन मरीज के बिस्तर पर खुद ही बैठ जाते हैैं। अस्तपाल को पूरा घर बना देते हैं। आए दिन लोग शराब के नशे में धुत होकर हंगामा करते हैैं। अब सख्ती बढ़ाई जाएगी। अनावश्यक लोगों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा।

- डॉ। एनके श्रीवास्तव, एसआईसी, जिला महिला अस्पताल