गोरखपुर (ब्यूरो).ट्रैफिक पुलिस की माने तो बिना हेलमेट चलने पर जब हम लोग उन्हें टोकते हैं, तब वे कई बहाने बताते हैं। इसमे अधिकतर लोगों का यही कहना होता है कि उन्हें डर लगता है कि कहीं हेलमेट लगाने से उनके बाल न गिरने लगें और आगे चलकर वो गंजे हो जाएं। कई तो ये भी कहते हैं कि जब भी हेलमेट लगाते हैं मेरे बाल टूटने लगते और कमजोर हो जाते हैं।

ऐसे बहाने भी बनाते हैं

- न्यूरो और सर्वाइकल की प्रॉब्लम।

-अभी यहीं नजदीक ही जाना था जल्दी-जल्दी में हेलमेट पहनना भूल गए हैं।

- पान गुटखा खाकर थूकने में दिक्कत आती है।

- सिर भारी रहता है।

- हेलमेट दुकान पर भूल गए।

- डॉक्टर ने मना किया है।

- बगल के अस्पताल में मरीज भर्ती है।

नौ माह में चालान का आंकड़ा

चालान शमन शुल्क

125071 बिना हेलमेट 1,09,98,500

8234 सीट बेल्ट 14,33,000

1213 मोबाइल 4,44,000

46973 नो पार्किंग 32,55,500

10284 लेन चेंज 10,57,700

10340 तीन सवारी 12,18,200

33 स्टंट करना 00

30 मदिरा सेवन 00

731 ओवर स्पीडिंग 2,42,000

12000 अन्य चालान 18,59,000

सितंबर में कई गुना बढ़ा चालान

जनवरी की तुलना में सितंबर माह में कई गुना अधिक चालान और शमन शुल्क वसूले गए हैं। आकड़ों अनुसार जनवरी में 8950 चालान काटे गए और इनसे 882400 रुपए शमन शुल्क के रूप में वसूले गए। वहीं सितंबर माह में ये ग्राफ तेजी से आगे बढ़ा है। जनवरी में 46011 हजार चालान किए गए, इनसे 4916700 रुपए शमन शुल्क के रूप में वसूला गया।

सड़क दुर्घटना में सबसे अधिक मामलों में बिना हेलमेट वालों की सिर में चोट लगने से मौत हो जाती है। पब्लिक की सुरक्षा के लिए ट्रैफिक पुलिस को कड़ाई करनी पड़ती है। जबकि पब्लिक को खुद अपनी सुरक्षा के बारे में सोचना चाहिए। बहाने बनाकर आज तो वो चालान से बच भी सकते हैं लेकिन दुर्घटना में ये संभव नहीं है कि बिना हेलमेट उन्हें चोट ना लगे।

- डॉ। एमपी सिंह, एसपी ट्रैफिक