गोरखपुर (ब्यूरो)।फ्रॉड की शिकार महिला ने बताया कि उसे लोन दिलाने दिलासा देकर उससे घर के कागज ले लिए गए। अचानक जब वसूली करने बैंक कर्मी आए तब पता चला कि घर के कागज पर किसी और के खाते में लोन की रकम 21 लाख रुपए ट्रांसफर कर दी गई।

एक महिला पर लगाया आरोप

बबली ने बताया कि उसके पति रामवृक्ष की गोरखनाथ पुल के नीचे पनीर और खोवा की दुकान है। दुकान पर हुमायूंपुर की गोधना देवी हमेशा सामान लेने आती थी। आरोप है कि इस दौरान गोधना देवी ने मेरे पति रामवृक्ष से ये कहा कि कारोबार बढ़ाने या दुकान बनवाने के लिए लोन चाहिए होगा तब बताइएगा। गोधना देवी ने बोला कि मेरा परिचय एक बैंक के शाखा प्रबंधक से है।

पति को जाल में फंसाया

बबली ने बताया कि मेरे पति रामवृक्ष कम पढ़े लिखे हैं। गोधना देवी ने उन्हें अपने बातों के जाल में फंसाकर लोन के लिए तैयार कर लिया। इसके बाद दुकान पर इंडियन बैंक के शाखा प्रबंधक को भी लेकर आई। वहां पर लोन कैसे होगा इसके बारे में सारी जानकारी दी गई।

सिक्योरिटी के रूप में रखवा दिया घर के कागज

बबली ने बताया कि गोधना देवी के कहने पर विजय चौक स्थित बैंक पर मेरे पति लोन करवाने पहुंंचे। वहां पर बैंक कर्मचारियों ने मिलकर पति से कई कागजों पर सिग्नेचर करवाया गया। पर्सनल सिक्योरिटी के रूप में प्रार्थनी के घर का कागज रख लिया गया।

लोन अस्वीकार कर दिया

बबली ने बताया कि इसके बाद मेरे पति कई बार बैंक पर गए। तब बैंक में ये बताया गया कि उनका लोन अस्वीकार कर दिया गया है। इसके बाद 30 सितंबर को बबली के घर विजय चौक स्थित बैंक के एंप्लॉई वसूल करने पहुंचे।

साल 2017 में हो गया लोन

इस बात की जानकारी करने रामवृक्ष बैंक गए तो उनके होश उड़ गए। बैंक में पता चला कि उनके कागजात पर साल 2017 में लोन हो चुका है। लोन की रकम गोधना देवी के बेटे दुर्गेश कुमार के खाते में भेजी गई है। इसके बाद से ही रामवृक्ष अपनी पत्नी को लेकर न्याय पाने के लिए दौड़ भाग कर रहे हैं। इस मामले में कोतवाली प्रभारी का कहना है कि एसएसपी ऑफिस में पीडि़त परिवार मिला था। मेरे पास शिकायत पत्र पहुंचेगा तब जांच कर कार्रवाई की जाएगी।