गोरखपुर (ब्यूरो)।मार्च 2017 में स्कीम की शुरुआत के बाद प्रदेश में एक हजार से अधिक मेडिकल स्टोर खोले गए थे। मेडिकल स्टोर गोरखपुर में भी खुला था। अब जिले में जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़कर 38 से अधिक हो चुकी है। सरकार की ओर से इनकी संख्या तो बढ़ा दी गई लेकिन पर्याप्त मात्रा में दवाएं नहीं मुहैया कराई जा सकी हैं।

प्रदेश में पांच वेयर हाउस

जन औषधि मेडिकल स्टोर संचालकों के मुताबिक दवाएं मुहैया कराने वाले सेंट्रल वेयर हाउस पर ही इसकी कमी हैं। गोरखपुर के जन औषधि संचालकों का कहना है कि प्रदेश में पांच वेयर हाउस हैं। इनमें से गोरखपुर, लखनऊ और आजमगढ़ से दवा मंगाते हैं। तीनों जगहों पर दवाओं की कमी है। बताया जा रहा है कि वेयर हाउस को दवाएं उपलब्ध कराने वाले बीपीपीआई से पूरी दवाएं नहीं मिल पा रही हैं।

दवाओं की भारी कमी

जन औषधि केंद्रों में एंटी कैंसर की दवा बाइटालूटामाइड टेबलेट 50 एमजी, शुगर में इस्तेमाल होने वाली ग्लिमीप्राइड ओर मेटफार्मिन कंपोजिशन वाली दवाएं नहीं हैं। कार्डियक वैस्कुलर सिस्टम के लिए इस्तेमाल कार्वेडिलॉल 6.25 एमजी टेबलेट, मल्टी विटामिन, कैल्शियम समेत कई अन्य दवाएं भी नहीं मिल पा रही हैं। गूगल मैप पर सर्च करके आप नजदीकी जन औषधि केंद्र का पता जान सकते हैं।

पीएम की मंशा सराहनीय है, लेकिन मशीनरी ठीक करने की जरूरत है। जन औषधि केंद्र पर दवाएं नहीं मिलने से दिक्कत होती है।

रंग बिहारी पांडेय, बेतियाहाता

जन औषधि केंद्र पर दवा लेने के लिए पहुंचा, लेकिन यहां पर मल्टी विटामिन और कैल्शियम की दवाएं नहीं मिली। केंद्र संचालक का कहना था कि डिमांड भेजी गई हैं। जल्द उपलब्ध हो जाएगी।

सुनील शुक्ला, शिवपुर शहबाजगंज

जिले में तीन वेयर हाउस है, लेकिन यहां पर जरूरी दवाओं की काफी किल्लत है। दवाओं की डिमांड की जाती है, लेकिन समय पर नहीं मिल पाती है।

अनिल कुमार, जन औषधि संचालक