गोरखपुर (ब्यूरो).दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने सोमवार को राधिका कॉम्पलेक्स में जाकर पड़ताल की तो चौंकाने वाली स्थिति सामने आई है। इलेक्ट्रिक शो रूम के फॉल्स सीलिंग से अचानक धुआं उठने लगा। इस दौरान शोरूम में कर्मचारी मौजूद थे, लेकिन फायर एक्सटिंग्युशर्स वहां मौजूद नहीं था। आग की लपट इतनी तेज उठ रही थी कि उसे देखकर कर्मचारी आग बुझाने के बजाए भाग खड़े हुए। इसकी वजह से बगल की दुकानें भी इसकी चपेट में आ गईं। एक दुकानदार नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि यहां अधिकांश जगहों पर फायर सिस्टम लगा नहीं हैं। किसी ने लगा रखा है तो उसके इक्विपमेंट्स वर्किंग कंडीशन में नहीं हैं। ऐसा इसलिए है कि यहां पर जांच की ही नहीं जाती है।

हवा में फायर सिस्टम, एनओसी का पता नहीं

इस कॉम्पलेक्स में दो सौ से अधिक दुकाने हैं। यहां फायर सिस्टम के इंतजाम नहीं हैं। जहां हैं भी वहां उसे ऑपरेट करने वाले नहीं हैं। कर्मचारियों को आग बुझाने की ट्रेनिंग न मिलने से फायर सिस्टम नहीं चला पाते हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि बीच शहर में 16 साल से चल रहे राधिका कॉम्पलेक्स में आग बुझाने के लिए कोई इंतजाम नहीं है। यहां बिना फायर एनओसी के कामर्शियल बिल्डिंग का नक्शा जीडीए ने पास कर दिया है। ऐसे में इस घटना का असल जिम्मेदार यहां के फायर डिपार्टमेंट और जीडीए ऐसे मामलों में चुप्पी साध लेता है।

यह है आगजनी की घटना

शाहपुर एरिया के मेडिकल कॉलेज रोड स्थित राधिका कॉम्पलेक्स के इलेक्ट्रिक बाइक शोरूम में भीषण आग लग गई। कुछ ही देर में आग की लपटों ने पहली फ्लोर की 7 दुकानों को अपनी जद में ले लिया। इस हादसे में इन दुकानों में रखा 5 लाख रुपए कैश सहित लाखों का सामान जलकर खाक हो गया।

यह भी होनी चाहिए जांच

- बिल्ंिडग की जांच कर नक्शा स्वीकृति किसने किया?

- बिल्डिंग का बायलॉज का ध्यान रखा या नहीं?

- बिल्डिंग की वॉयलेशन किसने की?

- नियमों से परे निर्माण तो कार्रवाई क्यों नहीं हुई?

- नियमानुसार नियमों से हटकर बनी इमारतें होनी चाहिए सीज?

कॉम्पलेक्स का एनओसी नहीं हैं। कॉम्प्लेक्स के मालिक को नोटिस दी जाएगी। साथ ही मामले की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई किया जाएगा।

- डीके सिंह, मुख्य अग्निशमन अधिकारी गोरखपुर