गोरखपुर (ब्यूरो)।बीआरडी मेडिकल कॉलेज में एडमिट पेशेंट्स को खिड़कियों के टूटे शीशों से आने वाली हवा सताती रही। खिड़कियों के टूटे शीशों की जगह पेपर और पन्नी लगाकर अटेंडेंट अपने पेशेंट्स को बचाते रहे। वहीं, जिला अस्पताल में पेशेंट्स को छेट वाले कंबल दिए गए। ठंड से बचने अटेंडेंट घर से कंबल लाए।

टूटी खिड़की से आ रहीं ठंडी हवाएं

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट टीम सोमवार दोपहर बीआरडी मेडिकल कॉलेज के नेहरू चिकित्सालय के आर्थो फीमेल वार्ड पहुंची। वार्ड में एडमिट एक-दो पेशेंट को छोड़ दिया जाए तो सभी के बेड पर घर से लाए गए कंबल और रजाई दिखाई दीं। वहीं, वार्ड की खिड़कियों के शीशे टूटे मिले। खिड़की टूटी होने के कारण सर्द हवाएं वार्ड के अंदर आ रही थीं। इससे पेशेंट परेशान नजर आए। इतना ही नहीं कुछ मरीज तो ऑपरेशन के इंतजार में कई दिनों से वार्ड में एडमिट हैं, जिनका अभी तक नंबर नहीं आया है। बताया गया है कि अस्पताल में पर्याप्त कंबल हैं, लेकिन धुलाई से बचने के लिए सभी पेशेंट्स को नहीं दिए जा रहे हैं।

आर्थो के पेशेंट भी परेशान

आर्थो वार्ड की खिड़कियां टूटी हैं। ऊपरी तल का वार्ड होने से वहां हवा तेजी से आती है। मरीज टूटे हुए हाथ, पैर या कूल्हे के दर्द से परेशान हैं। वहीं, कड़ाके की ठंड भी प्रॉब्लम बढ़ा रही है। कुछ अटेंडेंट ने टूटी खिड़कियों में प्लास्टिक या पेपर लगा दिया है। कुछ ऐसा ही हाल कार्डियोलॉजी का भी है।

जिला अस्पताल की न्यू बिल्डिंग के फीमेल वार्ड में छेद वाले कंबल

जिला अस्पताल की न्यू बिल्डिंग के फीमेल मेडिसिन वार्ड में इंजीनियरिंग कॉलेज से आई एक पेशेंट अपने बेड पर सो रही थी। जबकि उनके अटेंडेंट ने कंबल के बारे में बताया कि कंबल तो मिला है, लेकिन वह फटा और जगह-जगह से छेद हैं। कड़ाके की ठंड में इससे पार पाना मुश्किल है। इसलिए घर से कंबल और रजाई मंगवाई है। जबकि हेल्थ स्टाफ ने कहा, मरीजों को जरूरत के हिसाब से कंबल दिए जाते हैं।

2 दिन से बीआरडी के गायनी वार्ड में एडमिट हूं, लेकिन हमें कंबल नहीं दिया गया है। ठंड काफी पडऩे की वजह से कंबल बाहर से मंगवाया है। कंबल के बारे में स्टाफ से पूछने पर कहते हैं कि अभी उपलब्ध नहीं है।

रागिनी, रामनगर देवरिया

मेरी मां की तबीयत कई दिनों से खराब है। उन्हें जिला अस्पताल के न्यू बिल्डिंग फीमेल मेडिसिन वार्ड में एडमिट किया गया। ठंड से बचने के लिए स्टाफ की तरफ से कंबल तो दिया गया, लेकिन वो फटा और जालीदार था। इसलिए घर से कंबल मंगवाना पड़ा।

प्रियंका पांडेय, इंजीनियरिंग कॉलेज

ठंड को देखते हुए एडमिट पेशेंट को कंबल दिए जा रहे हैं। जहां तक टूटी खिड़कियों के शीशे की बात है तो उसे भी जल्द ही ठीक करवा लिया जाएगा। अगर मरीजों को कंबल नहीं मिल रहा है तो इसकी जांच कराई जाएगी।

डॉ। राजेश कुमार राय, एसआईसी नेहरू चिकित्सालय

ठंड के देखते हुए वार्ड में तैनात स्टाफ से सभी बेड पर मरीजों को कंबल मुहैया कराने के निर्देश हैं। यदि मरीजों को फटा हुआ कंबल दिया जा रहा है तो गंभीर बात है। इसकी जांच कराई जाएगी। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

डॉ। राजेंद्र ठाकुर, एसआईसी जिला अस्पताल