गोरखपुर (ब्यूरो)।14416 वर्ग मीटर जमीन फाइनल हो चुकी है, इसके बनने के लिए बजट भी अप्रूव हो चुका है। इतना ही नहीं हेडक्वार्टर से 30 दिसंबर 2023 को ऑनलाइन टेंडर निकाला गया। जिसकी लास्ट डेट 9 फरवरी 2023 निर्धारित की गई थी। टेंडर की डेट खत्म होने के बाद भी गोरखपुर बस स्टेशन बनाने के लिए एक भी इंवेस्टर सामने नहीं आए हैं।

40 से 50 हजार लोग करते हैं आवागमन

पीपीपी मॉडल पर बस स्टेशन के निर्माण की तैयारी छह साल से चल रही है। इसके लिए करीब 13 बार टेंडर निकाले गए, लेकिन अभी तक किसी कंपनी या फर्म ने इंट्रेस्ट नहीं दिखाया। उम्मीद थी कि 30 जनवरी 2023 में ऑनलाइन टेंडर में निजी फर्म इंट्रेस्ट दिखाएगी, लेकिन यह भी उम्मीद फेल हो गई। स्टेशन के नवनिर्माण पर 92 करोड़ रुपए खर्च किया जाना है। गोरखपुर बस स्टेशन से प्रतिदिन डिपो से लगभग 500 से अधिक बाहर की बसें आवागमन करती हैं, जिसमें गोरखपुर रीजन की 700 बसें हैं। इस बसों से 40 से 50 हजार लोग यात्रा करते हैं। बसों से रोडवेज को 20 से 25 लाख की कमाई होती है। गोरखपुर डिपो के रेलवे बस स्टेशन को राजकोट मॉडल की तर्ज की तरह बनाने की स्कमी पहले से चल रही है। मॉडल बन जाने से पैसेंजर्स को अतिरिक्त बेहतर सुविधाएं मिलनी शुरू हो जाएगी।

स्टैटिस्टिक -

वेटिंग हाल

प्रसाधन केंद्र

बिजली

पंखे

पेयजल

पैसेंजर्स को स्टेशन पर ही खानपान

खरीदारी के अलावा होटल की भी सुविधा मिल जाएगी

अब इंवेस्टर्स से संपर्क साधा

गोरखपुर बस स्टेशन के विकास के लिए निवेशक की तलाश शुरू हो गई है। परिवहन निगम ने गोरखपुर बस स्टेशन को एयरपोर्ट की तर्ज पर मॉडल बनाने के लिए गोरखपुर सहित पूर्वांचल के बड़े इंवेस्टर्स से संपर्क करना शुरू कर दिया है। इंवेस्टर्स ने अभी आश्वासन तो नहीं दिया है, लेकिन बातचीत से लग रहा है कि जल्द ही महानगर का कोई इंवेस्ट करने के लिए तैयार हो जाएगा। जबकि गोरखपुर सहित प्रदेश के प्रमुख शहरों में स्थित 23 बस स्टेशनों का विकास पब्लिक प्राइवेट पार्टनशिप (पीपीपी) के आधार पर किया जाना है।

पीपीपी मॉडल पर गोरखपुर बस स्टेशन बनाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए 30 जनवरी को ऑनलाइन टेंडर निकाला गया था, लेकिन इंवेस्टर नहीं मिलने की वजह से देरी हो रही है। हालांकि अब निवेशकों से वार्ता की जा रही है। उम्मीद है कि इंवेस्टर्स मीट कोई फर्म इंट्रेस्ट दिखाएगी।

- पीके तिवारी, आरएम, गोरखपुर