गोरखपुर (ब्यूरो).अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ। हरिओम पांडेय ने इलाज में काफी मदद की। इसी ब्लॉक के बिशुनपूरवा बाबू गांव के रामलखन की चार वर्षीय बच्ची को जन्मजात एनोरेक्टल मालफार्मेशन (बच्चों में मलद्वार न होना) की समस्या थी। कई निजी डॉक्टरों से इलाज कराया। इसमें 10 से 12 हजार रुपये खर्च हुए। इस बीच आरबीएसके टीम ने बच्ची को इलाज के लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज लेकर गए, जहां उसकी फ्री सर्जरी की गई। एक और सर्जरी के लिए बच्ची को मेडिकल कॉलेज बुलाया गया है। डॉ। रेनू कुशवाहा की देखरेख में बच्ची का इलाज चल रहा है। डॉ। रेनू ने बताया कि बच्ची की हालत अब ठीक है। दूसरी सर्जरी कुछ दिन बाद की जाएगी।

393 लोगों को मिल चुकी है इलाज की सुविधा

नोडल अधिकारी डॉ। नन्द कुमार ने बताया कि स्कीम के तहत जिले में वर्ष 2016 से अबतक 393 सर्जरी की गई है। क्लब फुट, सीएचडी, क्लब पैलेट और कॉक्लियर इंप्लांट जैसी सर्जरी भी स्कीम का हिस्सा हैं। आरबीएसके स्कीम की डीईआईसी मैनेजर डॉ। अर्चना ने बताया कि स्कीम के तहत प्रत्येक ब्लॉक में दो टीम स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों पर जाकर बाल मरीजों की स्क्रीनिंग करती है और उन्हें इलाज एवं सर्जरी की सुविधा उपलब्ध करवाती है। कुल 44 प्रकार की बीमारियों का फ्री इलाज होता है। इसमें 13 प्रकार की फ्री सर्जरी भी शामिल है।

बच्चे बीमार हों तो आरबीएसके टीम से करें संपर्क

सीएमओ डॉ। आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि अगर बच्चा लगातार बीमार है या किसी बीमारी से ग्रसित है तो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व आशा कार्यकर्ता की मदद से आरबीएसके टीम से संपर्क करें। हर ब्लॉक में दो मोबाइल टीम कार्यरत हैं। इनकी मदद से बच्चों के जीवन की दशा व दिशा बदल रही है।