गोरखपुर (ब्यूरो) कार्यों के एस्टीमेट के आधार पर रुपये जमा होने के बाद अधीक्षण अभियंता सभी सामान की दोबारा सूची लेकर स्वीकृति देते हैं) की व्यवस्था को खत्म कर दिया था लेकिन स्टोर में अब भी पैकेज का ही इंतजार हो रहा है। जो पैकेज नहीं बनवा रहे हैं उन्हें सामान ही नहीं दिया जा रहा है।

व्यवस्था का विरोध
वितरण के अभियंता लगातार इस व्यवस्था का विरोध कर रहे हैं। इसे देखते हुए वर्तमान चेयरमैन डा। आशीष गोयल ने पिछले साल स्पष्ट आदेश जारी किया लेकिन अभी मामला फंसा हुआ है। चौरी चौरा खंड के कैथवलिया में राजकीय न्यू नलकूप के लिए दो लाख 20 हजार 434 रुपये का एस्टीमेट बनाया गया था। एस्टीमेट स्वीकृत कर सामान के लिए स्टोर को भेजा गया। नियमानुसार सामान दे दिया जाना चाहिए लेकिन कहा जा रहा है कि पैकेज आने पर ही सामान दिया जाएगा। इसी तरह आटा चक्की के कनेक्शन के लिए एस्टीमेट स्वीकृत होने के बाद स्टोर से सामान मांगा गया तो फिर पैकेज के लिए वापस कर दिया गया। देवरिया के गौरी बाजार खंड के देसही में पैकेज के लिए तीन महीने तक आवेदक को दौड़ाया गया।

स्टोर में जरूरी सामान नहीं, उपभोक्ता परेशान
एक तरफ स्टोर में पैकेज को लेकर समस्या बनी हुई है तो दूसरी तरफ औद्योगिक कनेक्शनों के लिए पोल माउंटेड यूनिट, परमानेंट मैग्नेट मूङ्क्षवग क्वायल, ट्राइवेक्टर मीटर, सीटी पीटी आदि नहीं है। अवंतिका ट्रेडर्स डुमरी खास के सत्यप्रकाश गिरी ने पिछले दिनों इस मुद्दे को लेकर चेयरमैन और मुख्य अभियंता से शिकायत भी की थी। आरोप है कि बिजली निगम ने पूरे रुपये लेने के बाद भी आधे-अधूरे उपकरणों के सहारे आपूर्ति शुरू कर दी और अब शिकायत पर कोई सुनने वाला नहीं है।

बिना सुपरविजन वाले कार्यों के लिए पैकेज मांगा जा रहा है। स्टोर में सभी सामाग्री उपलब्ध है। ज्यादा मांग होने से कुछ सामाग्री खत्म हो जाती है तो उसे जल्द से जल्द मंगाया जाता है।
हंसराज कौशल, अधिशासी अभियंता, स्टोर