गोरखपुर (ब्यूरो)।पुलिस का कहना है कि युवती से आरोपी का मधुर संबंध था। युवती उससे एक लाख रुपये मांग रही थी। इसलिए हत्यारोपी चंद्रशेखर उर्फ नवीन ने महिला की बैसाखी स्टीक से ही उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद दूसरे दिन गांव में ही नवीन था। जब उसे पता चला कि डॉग स्क्वायड टीम आ रही है, तब पकड़े जाने के डर से वहां से भाग गया। शुक्रवार को पुलिस ने नवीन का अरेस्ट कर जेल भेज दिया।

एक हाथ पैर से दिव्यांग थी युवती

एसपी साउथ अरुण कुमार सिंह और सीओ खजनी अंजनी कुमार पांडेय ने मामले का खुलासा करते हुए बताया की मृतका 45 वर्षीय गुडिय़ा अविवाहिता थी। वह एक हाथ एक पैर से विकलांग थी। एक कठोर प्लास्टिक पानी की पाइप की छड़ी के सहारे चलती थी। गुडिय़ा की मां की मृत्यु 13 वर्ष पूर्व और पिता देवप्रकाश सिंह की मौत 8 वर्ष पहले हुई थी। मृतका का भाई रणविजय उर्फ बबलू अपने ससुराल संसारपार, बड़हलगंज में नेवासे पर अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहता है। मृतका गुडिय़ा सोनबरसा स्थित घर पर अकेली रहती थी। जिसकी मंगलवार की देर रात हत्या की गई थी। गुडिय़ा और नवीन के पिछले 5-6 सालो से बहुत करीबी संबंध थे। नवीन शराब का आदि है, जिसके लिए उसने अपनी लगभग सारी जमीन बेच डाली थी।

भाई ने दी नामजद तहरीर

मृतका रंजू सिंह उर्फ गुडिय़ा के भाई रणविजय सिंह ने गांव के ही चंद्रशेखर उर्फ नवीन सिंह पुत्र स्वर्ण सिंह पर अपनी बहन की हत्या का आरोप लगाया था। भाई की तहरीर पर पुलिस केस दर्ज कर छानबीन कर रही थी।

गुडिय़ा की छड़ी से उसकी हत्या

गुडिय़ा की बैसाखी वाली छड़ी से नवीन ने निर्ममता से उसके सिर पर कई बार वार किया। जिससे गुडिय़ा वहीं गिर गई और उसकी मौत हो गई। नवीन ने बताया की सुबह पुलिस के आने तक वो वहीं था। लेकिन जब डॉग स्क्वायड के आने की बात सुनी तो वो फरार हो गया, क्योंकि उसको डर था कि कुत्ता उसे सूंघ कर पहचान लेगा।