- गोरखपुर डिपो में आई चेकअप में करीब 70 ड्राइवर रहे गैरहाजिर

- राप्तीनगर डिपो में 40 ने नहीं कराई आंखों की जांच

- गैरहाजिर ड्राइवरों को एआरएम ने ड्यूटी से हटाया, सर्टिफिकेट लाने पर ही लगेगी ड्यूटी

GORAKHPUR: रोड एक्सीडेंट रोकने के लिए परिवहन निगम सख्त मूड में है। रोडवेज की बसों से एक्सीडेंट ना हो इसके लिए सभी बसों की फिटनेस जांच हो रही है। वहीं ड्राइवर्स का भी आई चेकअप के साथ ही बॉडी फिटनेस जांची जा रही है जिससे रोडवेज बसों का सफर सुहाना और सुरक्षित हो सके। इसके लिए गोरखपुर डिपो और राप्तीनगर डिपो में आई चेकअप के लिए कैंप भी लगाया गया। जिसमें आधे ड्राइवरों ने इंट्रेस्ट दिखाया और अपनी आंख और सुगर की जांच कराई। लेकिन दोनों ही डिपो के कुल 100 ड्राइवर इस दौरान कोई ना कोई बहाना बनाकर गायब हो गए जिनकी अभी तक जांच नहीं हो पाई है।

एआरएम ने ड्यूटी से हटाया

राप्तीनगर डिपो में कैंप लगाकर 85 ड्राइवरों का आई, शुगर और ब्लड पे्रशर का टेस्ट कराया गया। वहीं 40 ड्राइवरों ने कैंप में भागीदारी नहीं की जिनको एआरएम ने ड्यूटी से हटा दिया है। इनको हिदायत भी दी है कि जब तक ये लोग अपना चेकअप कराकर सर्टिफिकेट ऑफिस में नहीं जमा कर देते तब तक इन्हें गाड़ी नहीं दी जाएगी। यही हाल गोरखपुर डिपो का भी है, यहां पर 120 ने टेस्ट कराया है और करीब 60 ड्राइवरों ने अभी तक टेस्ट नहीं कराया है। इन्हें भी ड्यूटी से हटा दिया गया है।

मिले मोतियाबिंद के रोगी

राप्तीनगर डिपो में आई चेकअप में पांच ड्राइवरों में मोतियाबिंद की शिकायत मिली है। जिन्हें ऑपरेशन कराने के लिए छुट्टी दे दी गई है। इसी तरह गोरखपुर डिपो में करीब चार ड्राइवरों को आंखों में प्रॉब्लम होने पर ऑपरेशन कराने के बाद ही गाड़ी चलाने को कहा गया है। कई ड्राइवरों को आंखें कमजोर होने की वजह से चश्मा लगाने के लिए कहा गया है। इसी तरह कुछ में सुगर और ब्लड प्रेशर की शिकायत भी पाई गई जिन्हें एहतियात बरतने को कहा गया है।

सख्ती बढ़ी तो उजागर हुई कमियां

इतने दिनों से आंखों में मोतियाबिंद लिए ड्राइवर बस चला रहे थे जिससे उनकी आंखों पर इसका बुरा असर तो पड़ ही रहा था साथ ही पैसेंजर्स की भी जान खतरे में डाल रहे थे। इतने दिनों से गोरखपुर से बस का संचालन इन्हीं ड्राइवरों के द्वारा किया जा रहा था। मुख्यालय से सख्ती बढ़ी तो ये कमियां उजागर हो पाई।

मोतियाबिंद में ये होती है प्रॉब्लम

आई स्पेश्यलिस्ट आरपी सिंह ने बताया कि मोतियाबिंद में आखों से धुंधला दिखता है और रात में चमकने जैसा दिखाई देता है। ऐसे पेशेंट को कतई गाड़ी नहीं चलानी चाहिए। कैंप में कई लोगों को तत्काल डॉक्टर से परामर्श लेकर ऑपरेशन के लिए कहा गया है।

वर्जन

जिन ड्राइवरों ने टेस्ट नहीं कराया है। उन्हें ड्यूटी से हटा दिया गया है। ये जब तक टेस्ट कराकर सर्टिफिकेट नहीं जमा कर देते तब तक गाड़ी नहीं दी जाएगी।

- केके तिवारी, एआरएम