- प्रदेश में कुसम्हीं जंगल से शुरू हुआ प्रयोग, विभिन्न बीमारियों के उपचार में काम आएंगे पेड़-पौधे

- 25 से अधिक रोगनाशक पेड़-पौधों के प्रचार-प्रसार पर देंगे जोर, गोरखपुर में शुरू हुआ प्रयोग

GORAKHPUR:

यूपी का पहला आरोग्य वन गोरखपुर के कुसम्हीं जंगल में स्थापित किया गया है। विनोद वन में बने इस आरोग्य वन में औषधीय गुणों वाले पेड़-पौधों को तैयार किया जा रहा है। हेल्थ और फिटनेस के लिए लोग इस वन में जाकर जानकारी ले सकेंगे। उनकी जानकारी साझा कर सकेंगे। विभिन्न डिज़ीज के उपचार में इनका उपयोग किया जाएगा। फॉरेस्ट डिपार्टमेंट से जुड़े लोगों का कहना है कि यह पहल अनूठी है। अभी तक लोगों के किचन गार्डेन तक यह सीमित रह गए थे। लेकिन अब इसका विस्तार किया जा रहा है। बहुत से पौधों के बारे में जानकारी न होने से लोग उनका उपयोग नहीं कर पाते। कोरोना संक्रमण काल में इनकी उपयोगिता सिद्ध हो चुकी है। प्रयोग सफल रहा तो जल्द ही अन्य जिलों में यह व्यवस्था लागू होगी।

कोरोना संक्रमण में सामने आई महत्ता, बढ़ावा देगा डिपार्टमेंट

कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए इम्यूनिटी पावर बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। काढ़ा पीने के साथ ही लोग अन्य जड़ी-बुटियों का इस्तेमाल कर रहे हैं। घरेलू उपचार के लिए फेमस रहे कई पेड़-पौधों को लोगों ने इग्नोर कर दिया था। लेकिन कोरोना काल में इनकी भी महत्ता समझ में आई। कोरोना जैसे हालात से निपटने में औषधीय पौधे काफी कारगर हैं। इसलिए गोरखपुर में आरोग्य वन का प्रयोग सफल होने पर पूरे प्रदेश में इसे बढ़ावा देने की तैयारी हो चुकी है। शासन की मंशा के अनुसार फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने पौधों का रोपण वन महोत्सव में करा दिया है।

30 डिस्मिल में बना आरोग्य वन, 96 प्रजाति के औषधीय पेड़-पौधे

आरोग्य वन बनाने के लिए कुसम्हीं जंगल में 30 डिस्मिल भूमि एक्वायर की गई है। इसमें कुल 96 प्रजाति के पौधे लगाने की तैयारी है। पहले चरण में कुल 30 प्रजातियों का चयन किया गया है। अभी करीब 22 प्रजातियों के पौधे लगाए जा चुके हैं। आने वाले दिनों में इसका विस्तार किया जाएगा।

इस तरह के लगे पौधे

पौधे रोग में लाभदायक

केमोमाइल स्वास्थ्यव‌र्द्धक हर्बल टी

नीम रक्त शोधन और स्किन डिजेज में लाभदायक

अमरूद पेट संबंधी सभी बीमारियों में गुणकारी

अर्जुन हाई ब्लड प्रेशर, यूरिनल प्रॉब्लम में लाभकारी

बहेड़ा खून की कमी, पीलिया और सफेद दाग

जामुन डायबटीज, हार्ट और पाचन सिस्टम को ठीक करने में गुणकारी

सहजन साटिका, गठिया, लीवर संबंधी रोगों में लाभदायक

आंवला खून की कमी, कांसिपेशन और यूरिनल प्रॉब्लम

गिलोय इम्यूनिटी बूस्टर, वात, पित और कफ को ठीक करने के लिए

तुलसी पेट दर्द, मलेरिया, वायरल इंफेक्शन रोकने में सहायक

अश्वगंधा एंटीआक्सीडेंट और इम्यूनिटी सिस्टम को बूस्टअप करने में उपयोगी

तेजपत्ता पाचन दुरुस्त करने में सहायक, मस्तिष्क के विकार और अन्य पेट संबंधी रोग

सिंदूर गठिया रोग और यूरिक एसिड में लाभकारी

केमोमाइल स्वास्थ्यव‌र्द्धक हर्बल टी

लेमन वाम सिरदर्द, दिमागी परेशानी और डायबटीज में फायदेमंद

लेमन ग्रास सिरदर्द, जोड़ों का दर्द, पेट संबंधी बीमारियों में लाभ

बेल कफ, वात और विकार, बदहजमी, हदय रोग, लीवर में मददगार

एलोवेरा पेट, त्वचा और जोड़ो के दर्द में लाभकारी

बबूल दस्त और पेचिस में लाभकारी

कदंब खांसी, दमा, अस्थमा, बवासीर में फायदेमंद

सेमल त्वचा के रोग, चोट और दस्त में लाभदायक

शीशम सुजाक और एनीमिया में गुणकारी

बेर फेफड़े और अल्सर संबंधी रोग में लाभप्रद

(नोट: अन्य औषधीय पौधे भी लगाए गए हैं.)

अभी तक कुल 22 प्रजाति के पौधे लगे हैं। धीरे-धीरे आरोग्य वन में इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी। यहां पर प्रयोग सफल होने के बाद इसका विस्तार अन्य जिलों में भी किए जाने की योजना है।

अविनाश कुमार, डीएफओ, गोरखपुर