- नैक मूल्यांकन और नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) रैंकिंग में सुधार के लिए मंथन

- प्रोजेक्ट, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस आदि लाने वाले टीचर्स को मिलेगा प्रोत्साहन

GORAKHPUR: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी के नैक मूल्यांकन और नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) रैंकिंग में सुधार के लिए मंगलवार को कुलपति की अध्यक्षता में बैठक हुई। प्रशासनिक भवन के कमेटी हॉल में ऑर्गनाइज इस मीटिंग में डीन और एचओडी शामिल हुए। इस मौके पर वीसी प्रो। राजेश सिंह ने कहा कि यूनिवर्सिटी के लिए नेशनल या इंटरनेशनल रिसर्च प्रोजेक्ट, ग्रांट, फेलोशिप, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस लाने वाले टीचर्स को विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा। इसका मकसद नैक और एनआईआरएफ रैंकिंग में बेस्ट पोजीशन हासिल करना है। इसके लिए एक तकनीकी सेल का गठन किया जाएगा जो प्रोजेक्ट लाने वाले टीचर्स को जरूरी हेल्प करेगा। सभी विभागों को नेशनल और इंटरनेशनल संस्था के साथ रिसर्च के लिए अनुबंध करने की दिशा में प्रयास करना होगा। निजी कंपनियों के साथ मिलकर काम करने को तरजीह देने की बात कही।

हासिल करना है ए प्लस ग्रेडिंग

वीसी ने कहा कि यूनिवर्सिटी को नैक की ए प्लस ग्रेडिंग और एनआईआरएफ की टॉप 50 रैंकिंग में लाने के लिए जमीनी स्तर पर काम हो रहा है। एक तरफ जहां 60 से अधिक कोर्स को डिजाइन किया गया है। उधर रिसर्च, फेलोशिप, स्पो‌र्ट्स फेलोशिप, 100 इंटरनेशनल फेलोशिप, ऑनलाइन परीक्षाओं की दिशा में कदम बढ़ाया जा रहा है। यूनिवर्सिटी को वाईफाई की सुविधा से लैस किया जा रहा है, हर विभाग में 25-25 कंप्यूटर लगाए जा रहे हैं। अर्न बाय लर्न, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, वर्कशॉप, इंटरनेशनल सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है। मगर अब भी रैंकिंग में सुधार लाने के लिए कई काम किए जाने अपेक्षित हैं। डीन, एचओडी के साथ साथ टीचर्स को इसके लिए अपने अपने सुझावों के साथ आगे आना होगा।

कमेटी का हुआ गठन

बैठक के दौरान कुलपति ने नैक मूल्यांकन के सात मुख्य मानदंडों को पूरा करने के लिए विभिन्न समितियों का गठन किया। यह प्रस्तावित मानदंड को पूरा करने के लिए अधिष्ठाताओं, विभागाध्यक्षों और टीचर्स से समन्वय स्थापित कर कमियों को दूर करने की दिशा में काम करेगी। साथ ही 15 अप्रैल तक पीएचडी, पीजी और यूजी के पाठ्यक्रम को नैक के मापदंड के अनुसार तैयार करने। हर विभाग को नए प्रोजेक्ट के लिए प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया। इसकी निगरानी स्वयं वीसी की ओर से की जाएगी। हर दस दिन में एक बैठक का आयोजन कर प्रगति की समीक्षा की जाएगी। ये सिलसिला जून में प्रस्तावित नैक मूल्यांकन से पूर्व तक जारी रहेगा।

हर महीने में 100 से अधिक वर्कशॉप

बैठक में तय हुआ कि नैक मूल्यांकन में वर्कशॉप, वेबिनार, व्याख्यान के भी नंबर मिलते हैं। इसलिए अब हर विभाग को एक महीने में चार वर्कशॅाप आयोजित करना होगा। इस प्रकार 29 विभाग चार चार वर्कशॉप का आयोजन कर लक्ष्य को हासिल करेंगे।

हर असिस्टेंट प्रोफेसर को एक लाख सीड मनी देने की तैयारी

बैठक में तय हुआ कि यूनिवर्सिटी में कार्यरत 153 असिस्टेंट प्रोफेसर को अच्छे प्रोजेक्ट लाने के लिए एक लाख रूपये की सीड मनी प्रदान की जाएगी। इसके लिए एक समिति का गठन करते हुए उसे सुझाव देने का निर्देश दिया है।