- इमरजेंसी में होते रहे काम, स्टेशन से आने वालों को झेलनी पड़ी मुसीबत

-हॉस्पिटल के साथ मेडिकल स्टोर भी रहे बंद

-कई जगह पुलिस ने किया सेंसिटाइज, वहीं बांटे मास्क

गोरखपुर में जनता कफ्र्यू को भरपूर सपोर्ट मिलता नजर आया। पीएम मोदी की पहल पर लोगों ने खुद को घरों में कैद रखा। जहां शहर की दुकानें बंद रही, तो वहीं सड़क पर आवाजाही भी नहीं हुई। सड़कों पर सिर्फ वही नजर आए, जिन्हें मेडिकल इमरजेंसी थी या फिर बाहर से लौटने वाले लोग रास्ते में लौटते नजर आए। हालांकि सवारी न मिलने से उन्हें थोड़ी परेशानी जरूर फेस करनी पड़ी, लेकिन उन्होंने भी जनता कफ्र्यू के सपोर्ट की बात कही। सारा दिन चहल-पहल वाले एरियाज वीरान रहे और लोगों ने कोरोना से निपटने और खुद के साथ ही दूसरों को सेफ रखने के लिए योगदान किया।

सुबह 7 बजे से ही सन्नाटा

जनता कफ्र्यू की शुरुआत के साथ सुबह से बिल्कुल कफ्र्यू जैसा माहौल नजर आया। रूटीन में भी दुकानें नहीं खुलीं। यहां तक कि हॉस्पिटल के मेडिकल स्टोर को छोड़कर शहर के बाकी मेडिकल स्टोर बंद नजर आए। सरकारी गाडि़यों और एंबुलेंस में पेट्रोल भरने के लिए कुछ देर तक तो टाउनहॉल का पेट्रोल पंप खुला रहा, लेकिन सभी की टंकी फुल करने के बाद यहां भी सन्नाटा छा गया। देर शाम तक सड़कों पर लोगों की आवाजाही बंद रही।

लगी रही निगम की टीम

जनता के लिए की गई इस खास पहल में निगम की टीम भी मुस्तैद रही। पहले सभी सरकारी हॉस्पिटल्स को निगम की टीम ने सेंसिटाइज किया। इसके बाद टीम शहर की ओर निकल गई। इस दौरान मोहल्लों में भी टीम एक्टिव नजर आई और साफ-सफाई के साथ ही दूसरी जिम्मेदारी निभाते नजर आए।

घर में ही हुआ सेलिब्रेशन

एक तरफ जहां शहर में सन्नाटा पसरा रहा, तो वहीं दूसरी ओर घरों में ही लोगों ने संडे को फन डे बनाया। देर शाम तक सेलिब्रेशन का दौर चलता रहा। बच्चे जहां अपनी फैमिली संग छुट्टियां मनाते नजर आए। खेल के वह सजो-सामान भी बाहर निकल आए, जिन्हें लोगों ने घर के किसी कोने में छिपा रखे थे।