- शहर के सरकारी अस्पतालों में अभी भी समय से नहीं पहुंच रहे डॉक्टर

- कई जगह तो आते ही नहीं प्रभारी, कर्मचारी भी काट रहे मौज

- दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रियलिटी चेक में स्वास्थ्य महकमे के दावों की खुली पोल

GORAKHPUR: सरकारी विभागों का सिस्टम सुधारने के सीएम के आदेश पर यहां का स्वास्थ्य महकमा अभी भी गंभीर नहीं है। हाल ये है कि शहर के सरकारी अस्पतालों में अभी भी डॉक्टर समय से नहीं पहुंच रहे हैं। यही हाल यहां के हेल्थ पोस्ट्स का भी है। ये स्थिति तब सामने आई जब शनिवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट रिपोर्टर सीएम के आदेशों का पालन करने के स्वास्थ्य महकमे के दावे की हकीकत जानने निकला। इस दौरान जिला अस्पताल के न्यू ओपीडी स्थित एनसीडी क्लीनिक, बीआरडी के मनोविकास केंद्र सहित विभिन्न हेल्थ पोस्ट्स पर डॉक्टर्स सहित कर्मचारियों का पुराना लापरवाह रवैया ही देखने मिला।

एनसीडी क्लीनिक, जिला अस्पताल - दोपहर 12 बजे

जिला अस्पताल के न्यू ओपीडी के बगल में एनएचएम की ओर से दो कमरों का एनसीडी क्लीनिक खोला गया है। जिसमें एक डॉक्टर, लैब टेक्नीशियन, फिजियोथेरेपीस्ट, काउंसलर, तीन स्टाफ नर्स और एक वार्ड ब्वॉय की तैनाती की गई है। इस क्लीनिक में हृदय, कैंसर, किडनी से संबंधित गंभीर बीमारियों के निदान के बारे में जानकारी दी जाती है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट रिपोर्टर शनिवार दोपहर करीब 12 बजे जब यहां पहुंचा तो नजारा हैरान करने वाला था। मौके पर डॉक्टर तो नहीं मिले, कुछ कर्मचारी आपस में बातचीत करते दिखे। रिपोर्टर ने काउंसलर से बात की तो बताया गया कि डॉक्टर आते हैं लेकिन इस समय जरूरी काम से बाहर गए हैं। अब अगले दिन मिलेंगे।

मनोविकास केंद्र - दोपहर दो बजे

इसके बाद रिपोर्टर बीआरडी मेडिकल कॉलेज कैंपस स्थित मनोविकास केंद्र पहुंचा। यहां की स्थिति तो जिला अस्पताल से भी ज्यादा बुरी मिली। पता चला कि दिव्यांगों की मदद के लिए लगाए गए प्रभारी एक महीने से ड्यूटी पर ही नहीं आए हैं। वहीं, प्रभारी के ना आने से कर्मचारी मनमाने तरीके से कार्य करते मिले। यहां कर्मचारी कब आते हैं और कब चले जाते हैं, इसका कोई रिकार्ड भी मेंटेंन नहीं किया जा रहा था। इस बारे में पूछे जाने पर कर्मचारियों का कहना था कि प्रभारी को दो अलग-अलग चार्ज दे दिए गए हैं, जिसकी वजह से यहां नहीं आ पाते हैं। मनोविकास केंद्र पर चल रही इस अव्यवस्था के बारे में जब विकलांग कल्याण अधिकारी माधुवेंद्र पर्वत से बात की गई तो उन्होंने मामले की जांच की बात कही।

हेल्थ पोस्ट भी लाचार

इसके बाद रिपोर्टर ने शहर के हेल्थ पोस्ट्स का भी हाल जानने की कोशिश की। इस दौरान शिवपुर सहबाजगंज और झरना टोला स्थित हेल्थ पोस्ट पर ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर गायब मिले। तो वहीं कर्मचारी आने वाले मरीजों को डॉक्टर ना होने की बात कह वापस लौटा दे रहे थे।

वर्जन

अगर डॉक्टर्स और हेल्थ एम्प्लॉइज समय से नहीं पहुंच रहे हैं तो यह गलत है। कार्य में कोताही बरतने वालों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।

- डॉ। आई वी विश्वकर्मा, एसीएमओ

सभी जगह बायोमीट्रिक का व्यवस्था की जानी है। इससे लापरवाही पर अंकुश लग जाएगा।

- डॉ। रवींद्र कुमार, सीएमओ