- जिले के सभी अस्पतालों के आसपास सजी हुई हैं तंबाकू की दुकानें

- राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण के तहत अस्पताल व शिक्षण संस्था के पास से हटाई जानी थीं दुकानें

GORAKHPUR: सुप्रीम कोर्ट द्वारा तम्बाकू या तम्बाकू से बनी वस्तु पर पूर्णतया पाबंदी लगाए जाने के आदेश के आधार पर सीएम ने सभी सरकारी संस्थाओं में धूम्रपान पर रोक लगा दी है। साथ ही इनके आसपास की दुकानों को हटाने का भी निर्देश दिया गया है। लेकिन सीएम के शहर में ही उनके आदेश का कोई असर नहीं दिख रहा। सोमवार को दैनिक जागरण- आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने जब अस्पतालों का रिएलिटी चेक किया तो हर जगह दुकानें नजर आई जबकि 100 गज की दूरी में कोई दुकान नहीं होनी चाहिए।

हर जगह सजी है दुकान

रिएलिटी चेक में यह सामने आया कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, जिला महिला अस्पताल, संक्रामक रोग अस्पताल, सीएमओ ऑफिस के आसपास सिगरेट, गुटखा की दुकानें पहले जैसी ही सजी हुई हैं। प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं किए जाने से खुलेआम दुकानें चल रही हैं। यहां तक कि कस्टमर्स को अट्रैक्ट करने के लिए गुमटियों में बकायदा गुटखा लटकाए गए हैं ताकि वे दूर से ही नजर आएं। लेकिन, इसके बाद भी अधिकारियों को यह सब नजर नहीं आ रहा।

यह है निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए निर्देश दिया कि नियम का कड़ाई से पालन कराया जाए। जिसके बाद शासन ने इस आदेश का पालन किए जाने का पत्र जारी किया। इससे संबंधित लेटर स्वास्थ्य विभाग व शिक्षा अधिकारियों को भी मिले हैं। लेटर मिलने के साथ ही अस्पताल व स्कूल, कॉलेजों में 100 गज की दूरी तक धूम्रपान निषेध के बोर्ड व दीवारों पर स्लोगन लिखवाने को कहा गया है। कुछ जगहों पर दीवारों पर स्लोगन तो लिखवा दिए गए लेकिन गुटखा, सिगरेट की गुमटियां नहीं हटाई गई।

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यह है निर्देश

- अस्पताल व शिक्षण संस्थानों के आसपास, बीड़ी, सिगरेट, तंबाकू बेचने पर पूर्णतया पाबंदी है।

- 100 गज की दूरी तक यह सब बेचता पाया गया तो उस पर जुर्माना व कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

और यह है हकीकत

- कहीं से भी नहीं हटवाई गई हैं बीड़ी, सिगरेट, तंबाकू की दुकानें।

- किसी के खिलाफ नहीं की गई कानूनी कार्रवाई।

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इसलिए लगाई गई है रोक

धुम्रपान से नुकसान

- धुम्रपान से फेफड़ों में कैंसर, मुंह और गले का कैंसर, खांसी, दमा, जुकाम, हार्ट अटैक आदि के खतरे बढ़ जाते हैं।

- धूम्रपान से मुंह का स्वाद बिगड़ना, पेट का रोग, नींद का ना आना, आदि दिक्कतें होती हैं।

-फेफड़ों के अवकों में विटामिन की कमी हो जाती है जिससे कैंसर होने की संभावना रहती है।

- पाचन क्रिया, श्वसन प्रणाली और नाड़ी को क्षति पहुंचती है जिसके फलस्वरूप व्यक्ति की आकस्मिक मृत्यु हो जाती है।

- धुएं में निकोटिन और कार्बन डाईआक्साइड मिला होता है जिससे आंखों की रोशनी कम हो जाती है।

- यौवन शक्ति घटती है। एक बीड़ी या एक सिगरेट पीने वाले मनुष्य की आयु प्रतिदिन छह मिनट कम होती है।

- व्यक्ति में मानसिक कमजोरी आती है।

- धूम्रपान करने वाले व्यक्ति में एचडीएल कोलेस्ट्राल का स्तर कम व हानिकारक होता है।

गुटखा से नुकसान

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