- खादी ग्रामोद्योग विभाग की ओर से लगी है खादी और हैंडलूम प्रदर्शनी

- कुछ स्टॉल्स खादी बोलकर बेच दे रहे सस्ते हैंडलूम प्रोडक्ट्स

GORAKHPUR: खादी ग्रामोद्योग विभाग की ओर से टाउनहाल में लगी खादी और हैंडलूम प्रदर्शनी में कुछ स्टॉल पब्लिक को खादी के नाम पर हैंडलूम पकड़ा दे रहे हैं। दोनों के अंतर की जानकारी के अभाव में लोग भी बिना सवाल किए खादी प्रोडक्ट समझ खरीदारी कर ले रहे हैं। कुछ जानकार लोगों ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट को इस बारे में बताया तो हमने प्रदर्शनी में खादी के नाम पर चल रहे इस खेल की पड़ताल की। कुछ दुकानदारों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि खादी की अपेक्षा हैंडलूम व फैक्ट्रियों में बने प्रोडक्ट काफी सस्ते और फैशनेबल होते हैं। खादी कपड़ों के कम प्रचलन के कारण ज्यादातर लोग हैंडलूम और खादी के कपड़ों में अंतर नहीं कर पाते हैं इसी वजह से दुकानदार इन्हें आराम से खादी प्रोडक्ट में इंट्रेस्टेड लोगों को बेच दे रहे हैं।

खादी की खासियत

खादी कपड़ों के सूत चरखे की सहायता से काते जाते हैं और हाथ से ही बुने जाते हैं। इन कपड़ों की खासियत यह है कि यह शरीर को सर्दी में गरम और गर्मी में ठंडा रखते हैं। खादी के कपड़े काफी मजबूत होते हैं और बेहद लंबे समय तक उनमें किसी तरह की घिसावट नहीं होती है। 1920 के दशक में महात्मा गांधी ने गांवों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए चरखा चलाने को आंदोलन का रूप दे दिया था। आज भी बड़ी संख्या में चरखे से सूत कातना महिलाओं के लिए रोजगार बना हुआ है।

खादी और हैंडलूम प्रोडक्ट्स में अंतर

- खादी के कपड़े खुरदरे होते हैं जबकि हैंडलूम के मुलायम।

-खादी के कपड़े मोटे होते हैं जबकि हैंडलूम के महीन।

-खादी कपड़े केवल हाथ के कते और हाथ से ही बुने होते हैं जबकि हैंडलूम में मशीन का उपयोग किया जाता है। -हैंडलूम कपड़े कलरफुल होते हैं जबकि खादी अपेक्षाकृत कम

-खादी कपड़ों का धागा केवल कपास से बनता है जबकि हैंडलूम में कपास और सिंथेटिक धागा मिक्स होता है।

-आमतौर पर हैंडलूम के कपड़े सस्ते होते हैं।

-खादी में प्योर रेशम, प्योर सिल्क व प्योर वुलेन ही मिलेगा।

वर्जन

खादी पहनने वाले लोग खादी और हैंडलूम में अंतर बखूबी जानते हैं। हां आम लोग नहीं समझ पाते हैं जिन्हें बिना परखे खादी प्रोडक्ट्स नहीं खरीदने चाहिए।

- अभिमन्यु सिंह, मैनेजर, क्षेत्रीय खादी आश्रम