गोरखपुर (ब्यूरो)। यहां से गोरखपुर-बस्ती मंडल से लेकर नेपाल तक गोरखपुर से साडिय़ां और गारमेंट कपड़े जाते हैं। चैंबर ऑफ टेक्सटाइल्स के पदाधिकारियों की मानें तो गोरखपुर से करोड़ों का गारमेंट बाहर जाता है। इस मार्केट में सिल्क की साडिय़ों के साथ-साथ हर एज ग्रुप के लिए गारमेंट का स्पेशल और सस्ता कलेक्शन मिल जाएगा। पितृपक्ष में मार्केट में आने वाले कस्टमर्स की संख्या में आंशिक गिरावट जरूर दर्ज की जा रही है, लेकिन जैसे ही फेस्टिव सीजन आएगा। मार्केट में कदम रखना भी मुश्किल होगा। अपने या परिवार के किसी सदस्य के लिए बजट में कपड़े खरीदने के लिए ये बाजार बेहतर विकल्प हैं।

ब्राइडल लहंगा और बच्चों के कपड़े

कपड़ों के मामले में हिन्दी बाजार, रेती, अलीनगर और गोलघर गारमेंट सिटी की सबसे बड़ी मार्केट मानी जाती है। इसकी वजह यह है कि इस मार्केट में एक तरफ जहां आए दिन सेल लगी रहती है। वहीं, दूसरी तरफ हाई रेंज से लेकर नॉर्मल रेंज तक के गारमेंट उपलब्ध हैं। इस मार्केट में कई बढ़ी गारमेंट कंपनियों के आउटलेट भी आपको नजर आ जाएंगे, जिससे आपके पास गारमेंट के विभिन्न कलेक्शन देखने और उन्हें खरीदने का मौका रहेगा।

करोड़ों में होता है कारोबार

स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि यहां हर महीने कारोबार करीब 30 से 40 करोड़ के आसपास रहता है। फेस्टिव सीजन में कारोबार का ग्राफ बढ़ जाता है, इस आंकड़े से साफ है कि औसतन 1 करोड़ से लेकर तीन करोड़ तक का कारोबार होता है। इस सभी मार्केट में पांच हजार से अधिक दुकानें है और करीब 70 फीसदी दुकानें गारमेंट से रिलेटेड हैं।

बनारसी साडिय़ों की डिमांड

गोलघर स्थित सुमंगलम पदाधिकारियों का कहना है कि हमारे बनारसी साडिय़ों की विशाल रेंज मौजूद है। ब्राइडल साडिय़ां और लहंगा सहित सूट आदि सभी फैंसी साडिय़ां मिलती हैं। 500 से लेकर 40 हजार तक बनारसी साडिय़ां अवेलबल हैं।

एक नजर में रेंज

आइटस रेट

नार्मल साड़ी स्टार्ट 200- 10,000

सिल्क साड़ी स्टार्ट 5000- 20,000

बनारसी साड़ी स्टार्ट 3000-40,000

ब्राइड लहंगा 5000-60,000

गारमेंट कपड़े 200-10,000

फेस्विल में डिमांड

बाजार में इस बार वैवाहिक साडिय़ों का नया कलेक्शन पहुंचा है। बनारसी, सिल्क, कांजीवरम, नेट की साडिय़ों की अच्छी मांग है। व्यापारियों के मुताबिक डिजाइनर लहंगे, वेलवेट-जरी लहंगे, ड्रेस मटेरियल, कुर्ती, लेगिंग की भी अच्छी बिक्री हो रही है। शूटिंग-शर्टिंग में उठाव सामान्य है। रेती में फैंसी लहंगे दिल्ली, मुंबई एवं कोलकाता से मंगाए जाते हैं। साधारण लहंगे एवं साडिय़ां सूरत से आती हैं। बाजार में दो हजार से 50 हजार रुपए तक के लहंगे बिक रहे हैं। 100 रुपए से 10 हजार रुपए तक की साडिय़ां भी बिक रही हैंं।

एरिया का बड़ा मार्केट होने के कारण इस मार्केट में आपको गृहस्थी से जुड़ी हर चीज आसानी से मिल जाती है। यही वजह है कि यह मार्केट शॉपिंग के लिए एक अच्छा विकल्प साबित होती है। अभी थोड़ा मंदी है।

सुरेश कुमार सुदरानिया, अध्यक्ष अखिल भारतीय उद्योग मंडल, गीता प्रेस रोड

गोलघर में कपड़ों से साथ बच्चों के खिलौनों से लेकर कंप्यूटर, मोबाइल सभी तरह की चीजें खरीदने का मौका मिलता है। फेस्टिव सीजन की शुरुआत होते ही यहां आने वाले ग्राहकों की संख्या काफी तेजी से बढ़ेगी। इसके लिए तैयारियां पूरी हैं।

नितिन जायसवाल, अध्यक्ष गोरखपुर उद्योग व्यापार मंडल गोलघर

डिजाइनर लहंगे, वेलवेट-जरी लहंगे, ड्रेस मटेरियल, कुर्ती, लेगिंग की भी अच्छी बिक्री हो रही है। पितृ पक्ष के बाद फेस्विल सीजन की शुरुआत हो जाएगी तो मॉर्केट में कस्टमर की चहल-पहल बढ़ेगी।

शेवल डास, आंनद फैशन