- फर्जीवाड़ा फैलाकर वसूली के लिए इस्तेमाल हो रही युवतियां

- जांच के दायरे में आएंगे कई नेता, व्यापारी और सोशल वर्कर

GORAKHPUR: शहर में रंगदारी वसूलने वाले शातिरों के हाथ में कमाई का नया हथियार आ गया है। शातिरों के इशारे पर हनी ट्रैपिंग से लेकर फर्जी एफआईआर का खेल खेला जा रहा है। सफेदपोशों के इशारे पर चल रहे खेल से पर्दा उठाने के लिए पुलिस अधिकारियों ने जांच शुरू करा दी है। कार्रवाई पूरी होने पर पूरा रेकैट बेनकाब होगा। पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि पूर्व में भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं लेकिन साजिशकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो सकी थी।

शातिर यूज कर रहे ब्लैकमेलिंग का वेपन

शहर में क्राइम कंट्रोल करने के लिए पुलिस लगातार अभियान चला रही है। भूमि पर कब्जा करने वालों से लेकर आपराधिक गतिविधियों में शामिल बदमाशों, उनको संरक्षण देने वालों के खिलाफ कार्रवाई से हड़कंप मचा है। इसका असर हुआ है कि बिजनेसमैन, डॉक्टर्स, इंजीनियर्स और अन्य लोगों को संरक्षण देने के नाम पर होने वाली वसूली प्रभावित हो गई। पुलिस की सख्ती से कुछ ने अपराध से तौबा कर लिया तो कुछ ने तरीका बदल लिया। युवतियों को हथियार बनाकर लोगों को ब्लैकमेल करने लगे। युवतियों के संपर्क में रहने वाले शातिर उन्हीं के जरिए कईयों पर निशाना लगा चुके हैं।

कहां से आ रहे रुपए, गोपनीय जांच से खुलेगी पोल

शहर में कुछ सफेदपोशों का नाम सामने आया है जिनके संपर्क में तमाम युवतियां हैं। उन युवतियों की लग्जरी लाइफ देखकर मोहल्ले वाले भी आश्चर्यचकित रहते हैं। लेकिन किसी की हिम्मत नहीं होती है कि कोई सवाल जवाब कर सकें। ऐसी युवतियों की प्रोफाइल खंगालकर पुलिस उनके सोर्स ऑफ इनकम की जानकारी जुटा रही है। पुलिस अधिकारियों को जानकारी मिली है कि कुछ युवतियों और उनके सरंक्षणदाताओं ने चंद साल के भीतर अपनी प्रॉपर्टी बढ़ा ली है। उनके सोर्स ऑफ इनकम, सगे- संबंधियों और परिचितों के बारे में भी जानकारी जुटाई जाएगी।

इमेज बचाने के लिए चुकाते मुंहमांगी कीमत

हाल के दिनों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें किसी न किसी को रेप का मुल्जिम बनाया गया है। इनमें कुछ ऐसे लोग भी शामिल हैं जिन पर मुकदमे या शिकायत वापस कराने का दबाव बनाने के लिए एफआईआर कराई गई। पुलिस की जांच में असलियत सामने आने पर मामले खत्म हो सके। लेकिन रेप की फर्जी एफआईआर कराने वालों का नेक्सेस नहीं खत्म हुआ। पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि इस तरह के फर्जीवाड़े के शिकार लोग अपनी इमेज बचाने के लिए मुंहमांगी कीमत चुकाते हैं या फिर शातिरों की शर्त मानकर अपनी शिकायतें वापस ले लेते हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के नेक्सेस को भी बेनकाब किया जाएगा।

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व्यापारी के बेटे से वसूले थे ढाई लाख, मुकदमा उठाने का दबाव

शहर के भीतर पूर्व में ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जिनमें हनी ट्रैपिंग के जरिए ब्लैकमेलिंग का खेल हुआ है। कोतवाली एरिया में एक व्यापारी के बेटे को हनी ट्रैप करके युवती और उसके सहयोगियों ने करीब ढाई लाख रुपए की वसूली का दबाव बनाया। तत्कालीन एसपी सिटी विनय कुमार सिंह की जांच में असलियत सामने आई। युवती और उसके सहयोगियों के खिलाफ एक्शन होने पर मामला खत्म हुआ। हालांकि बदनामी के डर से पीडि़त ने साजिशकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई से मना कर दिया। इस वजह से हनी ट्रैपिंग में शामिल युवती और उसके सहयोगी जेल नहीं भेजे जा सके। अलबत्ता यह जानकारी मिली कि 50 हजार रुपए लेकर युवतियां किसी के खिलाफ रेप की एफआईआर दर्ज करा देंगी। इस खेल में माफिया, अफसरों के अलावा कुछ पुलिस कर्मचारी भी शामिल होते हैं।

केस वन

कैंट एरिया के महादेव झारखंडी इलाके में रहने वाले एक युवक ने प्रभावशाली व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। जांच शुरू होने पर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाने के लिए दबंग ने उसके खिलाफ रेप का मुकदमा दर्ज करा दिया। जांच होने पर असलियत सामने आई। रेप की एफआईआर दर्ज कराने वाली युवती ने मामला वापस ले लिया।

केस 2

सहजनवां के तिहरे हत्याकांड के मुख्य गवाह के खिलाफ शाहपुर थाना में रेप का मामला दर्ज हुआ था। तब गवाह के आवेदन पर पुलिस ने जांच शुरू कराई। इस दौरान पता लगा कि मुकदमे में दबाव बनाने के लिए साजिश रची गई। मामला संज्ञान में आने पर पुलिस ने शिकायत का डिस्पोजल करा दिया।

अक्सर दबाव बनाने के लिए फर्जी मामले दर्ज कराए जाते हैं। यह बेहद ही गंभीर विषय है। ऐसे प्रकरणों की जांच कराकर साजिश रचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पूर्व के सभी मामलों को संज्ञान लेकर उनकी समीक्षा की जाएगी।

डॉ। कौस्तुभ, एसपी सिटी