गोरखपुर (ब्यूरो)।आलम यह है गोरखपुर शहर की सड़कें वाहनों से पटी पड़ी हैं। अफसर निर्धारित स्टैंड या पार्किंग में इन वाहनों को खड़ा नहीं करा पाए। शासन के आदेश पर मई 2022 में में पार्किंग-स्टैैंड की जगह चिन्हित कर संचालन की हरी झंडी दे थी, लेकिन पब्लिक के परेशान होने के बाद भी जिम्मेदार पब्लिक ट्रांसपोर्ट को उनके निर्धारित पार्किंग स्थल तक पहुंचाने में विफल रहे। इसका नतीजा यह है कि गोरखपुर की सड़कों से वाहनों के स्टैंड ऑपरेट हो रहे हैं।

दिखावे के लिए करते हैैं कार्रवाई

बता दें, इधर-उधर सड़कों पर खड़ी होने वाली बसें और टैक्सी मालिकों को जिला प्रशासन की तरफ से सख्त निर्देश दिया गया कि वह अपने निर्धारित पार्किंग और स्टापेज से ही वाहनों का संचालन करें। इसके लिए आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस को भी निर्देशित किया गया है, लेकिन कुछ दिन तक अभियान चलाने के बाद फिर से वहीं रूटीन चालू हो जाता है और कहीं न कहीं पब्लिक फिर से परेशान होना शुरू हो जाती है।

नजूल की जमीन पर प्रशासन ने बनाया है पार्किंग

सरकार की ओर से आदेश जारी हुआ था कि सड़क किनारे खड़ी बसें हों या फिर ट्रक। वह नहीं खड़़ी होने चाहिए। साथ ही जितने भी अवैध स्टैैंड हैैं। उन्हें हर हाल में बंद किया जाना चाहिए। इस आदेश के बाद जिला प्रशासन, आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस की संयुक्त टीम ने अलर्टनेस दिखाई। जिला प्रशासन के आदेश पर सिटी के 16 जगहों पर पार्किंग-स्टैैंड की व्यवस्था की गई। इनमें 7 जगहों पर पार्किंग-स्टैैंड की जगह निर्धारित की गई थी।

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गोरखपुर क्लब के सामने पार्किंग

गोरखपुर क्लब के सामने सरकारी जमीन पर बनाए गए पार्किंग स्थल को देखा गया तो वहां खाली जमीन दिखाई दी और बोर्ड पर लिखा दिखा पार्किंग स्थल, लेकिन न तो कोई बस खड़ी नजर आई और ना ही कोई ठेकेदार संचालन करते हुए दिखा। जबकि वाराणसी रूट पर जाने वाली प्राइवेट बसों के लिए जिला प्रशासन की तरफ से यह पार्किंग-स्टैैंड निर्धारित किया गया है।

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पार्कं रोड सिविल लाइंस स्थित पार्किंग

यूनिवर्सिटी चौराहे पर ई-रिक्शा व ऑटो ड्राइवर गाड़ी खड़ी किए हुए दिखाई दिए। जबकि इनके लिए पार्किंग रीजेंसी होटल के बगल में निर्धारित की गई है, लेकिन कोई भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट यहां खड़े होने का नाम ही नहीं लेता है, जबकि जिम्मेदारों को इन निर्धारित जगहों से संचालन करवाना चाहिए।

इन स्थानों पर खड़़ी होनी हैं गाडिय़ां

1- पार्क रोड सिविल लाइंस

2- आरटीओ आफिस के पीछे

3- काजी कंपनी काली मंदिर से आगे

4- कुलसचिव आवास के बगल में

5- गोरखपुर क्लब के सामने

6- नार्मल कैंपस ईदगाह के पास

7- लेबर कमिश्नर ऑफिस (पुराना श्रम विभाग)

पार्किंग स्थल चिह्नित किए गए हैं। सरकारी जमीन पर जो पार्किंग-स्टैैंड बनाए गए हैैं, उनके संचालन के लिए ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ को निर्देशित किया गया है, लेकिन इनके द्वारा कार्रवाई में उदासीनता बरते जाने के मामले सामने आ रहे हैैं। सभी से बात की जाएगी।

विनीत कुमार सिंह, एडीएम सिटी

रेलवे स्टेशन रोड हो या फिर कचहरी बस स्टेशन रोड, कहीं भी बेतरतीब डग्गेमार बस, ई-रिक्शा और ऑटो वाले नजर आएंगे। उन सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यह अभियान लगातार जारी रहेगा। नगर आयुक्त संग मीटिंग हुई है, आगे की प्लानिंग भी बनाई जा रही है।

डॉ। एमपी सिंह, एसपी ट्रैफिक

सिटी में जाम पब्लिक ट्रांसपोर्ट की वजह से लगता है, लेकिन ट्रैफिक पुलिस वाले इनके खिलाफ कार्रवाई के बजाय फैमिली मेंबर्स के साथ जाने वालों को चालान काटते हैैं। जबकि अक्सर चौराहों पर जाम ई-रिक्शा, ऑटो व डग्गेमार बसों की वजह से लगता है।

सुनील, दुकानदार

कचहरी बस स्टेशन पर अक्सर प्राइवेट बसों के सड़क पर सवारी भरे जाने से ट्रैफिक आवागमन बाधित होता है। लेकिन चौराहों पर खड़े पुलिस कर्मी इनके खिलाफ कार्रवाई की बजाय सिर्फ दोपहिया वालों के गाड़ी की फोटो खींचने में लगे रहते हैैं।

रोहित, स्टूडेंट