गोरखपुर (ब्यूरो).मिली जानकारी के अनुसार आईएमए ने दो साल पहले झोलाछाप के खिलाफ कार्रवाई के लिए सीएमओ को लंबी लिस्ट सौंपी थी, लेकिन सिर्फ दिखाने के लिए कार्रवाई की गई। इसके बाद प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई सुस्त पड़ गई। झोलाछाप के विरूद्ध अभियान चलाकर लगातार छापेमारी की जाए तो तमाम झोलाछाप की दुकानें बंद हो जाएगी, लेकिन इनसे अच्छी खासी कमाई होने की वजह से जिम्मेदार कार्रवाई करने से कतराते हैं। यही वजह है कि झोलाछाप बेखौफ होकर पेशेंट की जान से खिलवाड़ करते हैं। जब कभी कोई घटना सामने आती है तो सिर्फ विभाग खानापूर्ति कर दिखावे के लिए कार्रवाई कर अपनी पीठ थपथपाने से बाज नहीं आते हैं।

आईएमए का सर्टिफाइड हॉस्पिटल

शहर में आईएमए का सर्टिफायड हॉस्पिटल संचालित हो रहा है। इसके लिए डॉ। आरपी शुक्ला के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई गई है, जो हर समय इसकी निगरानी करती है। आईएमए ने अपने सर्टिफायड हॉस्पिटल के सामने बोर्ड लगाकर अलग कर दिया है, ताकि अवैध रूप से हॉस्पिटल को संचालन करने वाले झोलाछाप की कलई खुल सके। इतना ही नहीं गोपनीय तरीके से इस धंधे में लिप्त झोलाछाप की जांच कराई जाए, ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जा सके।

तारामंडल से लेकर ग्रामीण इलाके में बिछा है जान

शहर के तारामंडल और ग्रामीण एरियाज में झोलाछाप की दुकानें चल रही है। साथ ही ये बेखौफ होकर पेशेंट्स का इलाज भी कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। अगर कोई घटना होती है तो उस पर मिट्टी डालने का काम हो रहा है। जिसकी वजह से उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाती है।

18 पर हो चुका है कार्रवाई

विभाग इस साल अब तक बिना डिग्री के इलाज करने वाले 18 झोलाछाप पर कार्रवाई कर चुका है।

स्वास्थ्य विभाग का कहना

आईएमए भी इस तरह के हॉस्पिटलों का विरोध मौखिक रूप से करता रहा है, लेकिन लिखित तौर पर इनकी लिस्ट आज तक स्वास्थ्य विभाग को नहीं सौंपी, जबकि, स्वास्थ्य विभाग कई बार लिस्ट मांग चुकी है।

प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से झोलाछाप के खिलाफ अभियान चलाना चाहिए। इनकी लापरवाही के चलते पेशेंट की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। इनके हॉस्पिटल व क्लीनिक की जांच कराकर सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। ताकि दोबार इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगया जा सके।

एसएस शाही, अध्यक्ष, आईएमए

शहर में झोलाछाप के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया गया है। इस काम में पुलिस की मदद ली जा रही है। साथ ही सील की कार्रवाई कर नोटिस भेजा जा रहा है। यह अभियान लगातार जारी रहेगा।

- डॉ। आशुतोष कुमार दुबे, सीएमओ