- मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का लाभ लेने वाले वर-वधु का पहले होगा वेरिफिकेशन, उसके बाद होगी शादी
- नगदी, गिफ्ट पाने के लिए यूपी के कई जिले में आई है शिकायत, उसके बाद लिया गया संज्ञान
GORAKHPUR: अगर आप शादी शुदा है और मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत फिर से विवाह रचाने की सोच रहे हैं तो आपको जेल की हवा खानी पड़ सकती है। क्योंकि शासन के आदेश पर मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश जारी किया गया है। दरअसल, यूपी के विभिन्न जिलों से इस बात की शिकायत आई है कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का लाभ लेने के लिए कई विवाहित जोड़ों ने फिर से विवाह रचाने की कोशिश की है। लेकिन इस मामले की जानकारी होने के बाद से सरकार ने बाकी के जिले के सभी डीएम व समाज कल्याण अधिकारियों को इस बात का निर्देश दिया है कि वे मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत होने वाले वर-वधु की पहले वेरिफिकेशन कराने के बाद ही विवाह योजना का लाभ दें। अन्यथा संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
380 जोड़ों का होना है विवाह
समाज कल्याण विभाग की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक, गोरखपुर जिले में 19 विकास खंड हैं। प्रत्येक खंड के लिए 20-20 जोड़ों के सामूहिक विवाह कराने हैं। इसके लिए विकास खंड अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिया गया है। चूंकि पहले विवाह योजना के तहत मिलने वाले बजट का दुरुपयोग होता था। ऐसे में इसे सामूहिक विवाह योजना कर दिया गया है। इसलिए गोरखपुर में सामूहिक विवाह की योजना है। इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर तैयारी जोर-शोर से चल रही हैं। एक मंच पर इन सभी जोड़ों का विवाह कराया जाए। इसके लिए विकास खंड अधिकारी व नगर निगम को इसकी सारी औपचारिकताएं भेज दी गई है। प्रत्येक खंड में होने वाले जोड़ों के सामूहिक विवाह के लिए धनराशि आ चुकी हैं।
नगदी, सोने चांदी समेत गिफ्ट के लिए कर रहे लालच
मिली जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत वर-वधु को खुशी जीवनयापन के लिए नगर राशि से लगाए सोना, चांदी समेत कई अन्य गिफ्ट दिए जाएंगे। ऐसे में नगदी और गिफ्ट पाने की लालच में फिर से विवाह रचाने वालों पर नजर रखनी होगी। शासन के निर्देशानुसार, किसी भी दशा में ऐसे वर-वधु को इस योजना का लाभ नहीं मिलना चाहिए, जो पहले से शादी शुदा या संपन्न परिवार से हो। बगैर जांच-पड़ताल के अगर इस योजना का लाभ लेते हुए पाए जाते हैं तो सीधे विकास खंड अधिकारी अधिकारी जिम्मेदार होंगे।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लिए शर्ते
- कन्या के अभिभावक उत्तर प्रदेश के मूल निवासी हो।
- कन्या के अभिभावक निराश्रित, निर्धन तथा जरूरतमंद हो।
- आवेदक के परिवार की आय गरीबी रेखा की सीमा के अंतर्गत आनी चाहिए।
- डीएम या सीडीओ की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा यह तय होगा कि लाभार्थी की स्थिति नितांत दयनीय है या नहीं
-विवाह के लिए आवेदक के पुत्री की आयु शादी की तिथि को 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
- वर की आयु 21 वर्ष का आयु पूरी कर ली गई हो।
- आयु की पुष्टि के लिए स्कूल शैक्षिक रिकार्ड, जन्म प्रमाण-पत्र, मतदाता पहचान पत्र, मनरेगा जॉब कार्ड एवं आधार कार्ड मान्य होगा।
-निर्धन परिवारों की कन्या विवाह, विधवा, परित्यक्तता, तलाकशुदा जिसका कानूनी रूप से तलाक हो गया हो।
-अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा पिछड़ा वर्ग के आवेदकों को जाति प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किया जाना अनिवार्य है।
-विवाह के लिए निराश्रित कन्या, विधवा महिला की पुत्री, दिव्यांगजन अभिभावक की पुत्री जो ऐसी कन्या हो जो दिव्यांग हो
सामूहिक विवाह में इस तरह से होगा व्यय
-कन्या के दांपत्य जीवन में खुशहाली के लिए 20,000 सहायता राशि दी जाएगी
- विधवा, परित्यक्तता, तलाकशुदा के मामले में सहायता राशि 25,000 सहायता राशि होगी।
- विवाह संस्कार के लिए आवश्यक सामग्री (कपड़े, बिछिया, पायल चांदी व 7 बर्तन) के लिए 10,000 रुपए
- विधवा व तलाकशुदा के लिए 5,000
- कार्यक्रम आयोजन के लिए भोजन, पंडाल, फर्नीचर, पेयजल, विद्युत की व्यवस्था के लिए 5,000
- एक जोड़े पर कुल 35,000 का खर्च करना होगा।
वर्जन
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का लाभ गरीबों व असहाय के लिए है। अगर इस योजना का दुरुपयोग होता है तो निश्चित तौर पर कार्रवाई होगी। 19 विकास खंड हैं। प्रत्येक खंड के लिए 20-20 जोड़ों के सामूहिक विवाह होने है।
सप्तऋषि, समाज कल्याण अधिकारी, गोरखपुर