गोरखपुर (ब्यूरो)। व्यापारियों का कहना है कि महंगाई का मुख्य कारण पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि है। वहीं रूस-यूक्रेन संकट की वजह से खाद्य तेल महंगा है। जिसमें सूरजमुखी के तेल की कीमत में तेजी आई है। साथ ही गेहंू की आवक कम होने से रोजमर्रा के इस्तेमाल में आने वाला आटा भी महंगा हो गया है। धनिया, जीरा और हल्दी ने भी सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। थोक मार्केट में महंगाई की रफ्तार थोड़ी धीमी है तो फुटकर में भाव और तेज हैं।
कोट
डीजल के दामों में लगातार वृद्धि होने से खाद्य पदाथों के दामों में तेजी बनी हुई है। क्योंकि भाड़ा में वृद्धि के कारण भी कीमतों में 10 प्रतिशत तक उछाल आया है। इस वजह से खाद्य तेल की कीमतें भी बढ़ी हैं।
पवन सिंघानिया, थोक व्यापारी
खाद्य सामग्रियों की कीमतों में आई तेजी के चलते बजट पूरी तरह से लड़खड़ा गया है। खाद्य तेल, दाल, चीनी, आटा के अलावा हरी सब्जियों के भी भाव बढ़ गए हैं। शासन को चाहिए कि महंगाई पर कंट्रोल करें।
विवेक गुप्ता, कस्टमर
ऐसे बढ़ी किराना के भाव
सामान 3 माह पूर्व वर्तमान में
चीनी 38 रु। प्रति किग्रा 42-44
आटा 145 रु। (5 किलो) 155
चना दाल 70-75 रु। प्रति किग्रा 80-90
बेसन 90-95 रु। प्रति किग्रा 100-105
काबुली चना 90-200 रु। प्रति किग्रा 120-130
तिल तेल 150-160 रु। प्रति ली। 200-210
सरसों तेल 165-170 रु। प्रति ली। 180-185
रिफाइंड 140-150 रु। प्रति ली 170-180
जीरा 180-200 रु। प्रति किग्रा 280-320
देशी घी 500-520 रु। प्रति किग्रा 550-590
नमक 22 रु। प्रति किग्रा 24
हींग 70 रु। (50 ग्राम) 100
न्यूट्रीला 50 रु। पैकेट 60
चावल मंसूरी 35 प्रति किग्रा 42
सब्जियों के रेट (रुपए प्रति किग्रा में)
हरी सब्जी मूल्य
भिंडी 80
करैला 80
लौकी 40
पालक 40
परवल 80
टमाटर 40
नेनुआ 30
आलू 20
प्याज 25
बोड़ा 120
धनिया 200
बैंगन 60
केला 50
नींबू 10 से 12 रुपए पीस