- जांच के लिए यूज होने वाले केमिकल्स की खरीदारी में हुआ था घोटाला

- विभागीय कमेटी गठित, शुरू होगी जांच

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में आरडीसी में जांच के लिए इस्तेमाल होने वाले केमिकलस की खरीदारी में लाखों रुपये के घोटाले का मामले से फर्दा उठा था। अस्पताल प्रशासन ने जांच के लिए विभागीय कमेटी गठित करने की तैयारी कर ली गई। कमेटी बनने के बाद तीन दिन बाद अपना काम करना शुरू कर देगी।

नहीं फॉलो किए गए नियम

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के आरडीसी की पैथालॉजी, इंसेफेलाइटिस लैब, ब्लड बैंक में डायग्नोसिस होता है। लैब में टेस्ट करने के लिए केमिकल्स का यूज होता है। इन्हीं केमिकल्स की खरीदारी में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ था। लैब से डिमांड हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन को भेजी जाती है जहां से अप्रूवल के बाद शॉप से केमिकल्स लैब में भेजे जाते हैं। यहां स्टाक बुक में सभी केमिकल्स के नाम व क्वांटिटी दर्ज की जाती है, लेकिन मामले में ऐसा नहीं किया गया। नियम ये भी है कि जो एंप्लाई केमिकल्स रिसीव करेगा वो रजिस्टर में ये दर्ज करेगा कि कितना केमिकल आया और किस लैब को कौन सा केमिकल कितनी मात्रा में भेजा गया। एसएनओ स्टोर द्वारा बिल वाउसर वेरिफिकेशन के लिए न तो अधिकारियों को भेजा गया, न ही भुगतान के लिए जमा कराया गया। मामला खुला तो पता चला कि ऑफिस से फर्म को आर्डर जाने के बाद कभी स्टोर में केमिकल आया ही नहीं। संबंधित लैब के लैब टेक्नीशियन ने सीधे फर्म से केमिकल लिया और अपनी पैथॉलाजी में ले गया। इसके बाद गलत तरीके से बिल वाउचर तैयार कर स्टोर कीपर की सहमति से सीधे कार्यालय पहुंचा दिया। सत्यापन के प्रॉसेस में गोलमाल किया गया जिसकी जांच होनी है। साथ ही चार साल पहले बर्न वार्ड के दरवाजे को निकलवाकर यहां एल्युमिनियम के दरवाजे लगाए गए, मगर यहां से निकाले गए लकड़ी के दरवाजे का पता नहीं चला। अस्पताल प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए विभागीय कमेटी गठित करने का फैसला किया है जो जल्द अपनी जांच शुरू करेगी।

मामला बहुत ही गंभीर है। केमिकल में लाखों का घोटाला किया गया है। संबंधित एंप्लाइ से पूछताछ चल रही है। इसके लिए दो दिन के अंदर कमेटी गठित कर दी जाएगी जो अपना काम शुरू कर देगी। जांच में दोषी पाए गए एंप्लाइ के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

डॉ। एचआर यादव, एसआईसी जिला अस्पताल