- पिपराइच में 27-28 नवंबर 2015 को जहरीली कच्ची पीने से चली गई थीं चार जानें

- मौके से मिले साक्ष्य को जांच के लिए भेजा गया था लखनऊ स्थित प्रयोगशाला

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र: पंचायत चुनाव के समय जहरीली कच्ची पीने से चार लोगों की मौत के मामले की जांच आठ माह बीतने के बाद भी पूरी नहीं हो पाई। इसकी वजह है अब तक फोरेंसिक रिपोर्ट का नहीं मिल पाना। 27 नवंबर 2015 को हुई घटना से मिले साक्ष्य लखनऊ स्थित प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजे गए थे लेकिन जांच टीम आज तक रिपोर्ट का ही इंतजार कर रही है।

वोट के लिए पिलाई थी कच्ची

गत पंचायत चुनाव में पिपराइच कस्बे के जंगल छत्रधारी टोला विचऊपुर से धनंजय निषाद प्रधान पद के प्रत्याशी थे। आरोप है कि 27 नंवबर 2015 को प्रधान समर्थकों ने गांव में कच्ची शराब बांटी। रात में प्रत्याशी के दरवाजे पर कच्ची पीने वालों का मजमा लग गया था। लोगों ने छककर शराब पी और घर चले गए।

चार की मौत

28 नंबवर को सुबह मुन्ना निषाद (30) और रामललित (45) की मौत हो गई। इन दोनों ने भी रात में प्रधान प्रत्याशी के घर कच्ची पी थी। अन्य ग्रामीणों को भी उल्टी- दस्त शुरू हो गई। सांस फूलने लगी। सभी को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान 4 की मौत हो गई।

मची खलबली

कच्ची पीने से चार लोगों की मौत की सूचना के बाद प्रशासनिक अमले में खलबली मच गई थी। यह मामला प्रदेश मुखिया के संज्ञान में था। उन्होंने आबकारी अधिकारी को तत्काल सस्पेंड कर दिया। पुलिस के कुछ जिम्मेदारों पर भी गाज गिरी। घटना स्थल पर फोरेंसिक टीम ने बारीकी से जांच की और साक्ष्य को फोरेंसिक लैब लखनऊ भेज दिया। आज तक रिपोर्ट का इंतजार है।

पिपराइच जहरीली शराब कांड की फोरेंसिक रिपोर्ट अभी नहीं मिली है। रिपोर्ट के संबंध में ऊपर बात की जाएगी।

एके तिवारी, वैज्ञानिक अधिकारी