-कोरोना पैंडेमिक के बाद एम्स में ओपीडी शुरू

-10-15 बेड पर भर्ती के साथ शुरू होगा आईपीडी

GORAKHPUR: एम्स में इलाज कराने वाले मरीजों के लिए गुड न्यूज है। एम्स में ओपीडी शुरू होने के बाद मरीज को एडमिट करने की कवायद भी जल्द शुरू कर दी जाएगी। इसके लिए एम्स प्रशासन की तरफ से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। शुरुआती दौर में पहले 10-15 बेड पर मरीजों को एडमिट किया जाएगा। इससे गंभीर मरीजों के इलाज में आसानी हो जाएगी और उन्हें दूसरे शहर के लिए रूख नहीं करना होगा।

दो से तीन दिन में स्टार्ट हो जाएगा आईपीडी

एम्स में तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है। कोरोना पैंडेमिक में काम में सुस्ती आ गई थी। वहीं, अब फिर निर्माण कार्य ने रफ्तार पकड़ ली है। एम्स के मीडिया प्रभारी डॉ। गौरव गुप्ता ने बताया कि कोरोना पैंडेमिक में ओपीडी बंद हो गई थी। लेकिन ओपीडी स्टार्ट हो चुकी है। अब अगला टारगेट है दो से तीन दिन के भीतर मरीजों के मेजर ऑपरेशन और आईपीडी यानी इंडोर पेशेंट डिपार्टमेंट को स्टार्ट करना है। आईपीडी में 10-15 बेड होंगे। इसमें मरीजों को एडमिट किया जाएगा। इसके स्टार्ट हो जाने से मरीजों को बेहतर इलाज मिल सकेगा।

एलएंडटी करेगी हैंड ओवर

डॉ। गुप्ता ने बताया कि आईपीडी के लिए बिल्डिंग तैयार हो चुकी है। सिर्फ हैंड ओवर होना है। बिल्डिंग को जैसे ही एलएंडटी कंपनी की तरफ से हैंड ओवर कर दिया जाएगा। उसके बाद डेट डिसाइड कर दी जाएगी। मरीजों को भर्ती करने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि एम्स चूंकि उच्चकृत संस्थान है। ऐसे में यहां बेहतर इलाज हो सके, इसके लिए एम्स प्रशासन की तरफ से पूरी कोशिश है कि मरीजों को किसी दूसरे शहर के लिए न जाना पड़े। यहां हर मर्ज की दवा, सस्ता और सुलभ हो सके।

स्तन रोगियों का इलाज शुरू

वहीं, एम्स की डॉयरेक्टर डॉ। सुरेखा किशोर के निर्देश पर स्तन रोगियों के लिए कमरा नंबर 108 में ओपीडी शुरू कर दी गई थी। स्तन रोग जैसे ब्रेस्ट कैंसर, ब्रेस्ट में गांठ आदि जैसे कई बीमारियों के इलाज ओपीडी में हो रहे हैं। एफआरएसी साइटोलाजी की जांच व 104 में बुधवार की शाम दो से चार बजे तक ओपीडी के मरीजों को देखा जा रहा है।

वर्जन

कोरोना पैंडेमिक में ओपीडी बंद थी। ओपीडी शुरू हो चुकी है। मरीजों की सहूलियत के लिए अब आईपीडी भी स्टार्ट करने जा रहे हैं। तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। बहुत जल्द मरीजों को एडमिट करने का सिलसिला शुरू हो जाएगा।

डॉ। सुरेखा किशोर, डायरेक्टर, एम्स गोरखपुर