गोरखपुर (ब्यूरो).दरअसल, कैंट इलाके के मझौली कोठी दाउदपुर निवासी महेश अग्रवाल दवा के कारोबारी हैं। कृष्णा कॉम्पलेक्स भालोटिया मार्केट में स्थित रमा मेडिकल एजेंसी के प्रोपराइटर महेश के बेटे अभिषेक अपने साथी बेतियाहाता रामजस रायवाली गली निवासी व अग्रवाल मार्बल्स के मालिक प्रमोद अग्रवाल के बेटे अंकित अग्रवाल और एक अन्य साथी के साथ गीडा गए थे। आधी रात को लौटते समय हादसे में शिकार हो गए। बरहुआं बंधे पर हो रहे सौंदर्यीकरण की कार्य करवा रही कार्यदायी संस्था की घोर लापरवाही को इस हादसे के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है। सड़क के किनारे ही ईंट व पत्थर के टुकड़े ठेकेदार ने फैला रखा है। इन्हीं टुकड़ों पर जब तेज रफ्तार कार चढ़ी तो अनियंत्रित होकर पलट गई। ठेकेदार ने यहां बैरिकेडिंग या लाल झंडा या फिर कुछ निशान तक नहीं लगाया था।

बेपरवाह जिम्मेदार

बता दें, ज्यादातर सड़कों के निर्माण कार्य को पीडब्लूडी और कार्यदायी संस्था मिलकर करवा रही हैैं, लेकिन इन दोनों विभागों के ठेकेदारों की मनमानी और उनके द्वारा धीमी गति से चल रहे काम को लेकर जिला प्रशासन के अधिकारी भी उदासीन नजर आ रहे हैैं। जबकि तत्कालीन डीएम विजय किरण आनंद और कमिश्नर रवि कुमार एनजी ने कई बार निरीक्षण के दौरान चेतावनी दी है, लेकिन नवागत डीएम की तरफ से अब तक कोई एक्शन नहीं लिया गया है।

स्पॉट - जेल बाईपास रोड

टाइम - दोपहर 1.10 बजे

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट टीम जेल बाईपास रोड पर पहुंची तो सड़क चौड़ीकरण का कारण चल रहा है। फोरलेन निर्माण के दौरान सड़कों पर बेतरतीब रोड़े, गिट्टïी और मोरंग बालू गिरे नजर आए। पादरी बाजार की तरफ से गाडिय़ां भी आते हुए नजर आई। लेकिन बालू पर गाडिय़ों के पहिए पडऩे पर स्पीड कम होती हुई दिखाई दीं, लेकिन मैत्रीपुरम के पास पुल निर्माण मोड़ पर कहीं भी साइन बोर्ड नजर नहीं आए।

स्पॉट - पैडलेगंज-नौसड़ चौराहे तक

टाइम - दोपहर 1.40 बजे

पैडलेगंज से नौसड़ चौराहे तक सड़क चौड़ीकरण के दौरान बड़े-बड़े रोड़े पड़े हुए हैैं। धीमी गति से चल रहे निर्माण कार्य को लेकर कई बार डीएम-कमिश्नर तक निरीक्षण के दौरान फटकार लगा चुके हैैं, लेकिन इसके बाद भी गैर जिम्मेदार निर्माण एजेंसियां कहीं न कहीं किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रही हैैं। वहीं, पैडलेगंज से नौसड़ के बीच सड़क के दोनों साइड में सड़कों पर बेतरतीब गाडिय़ों का रेला नजर आया।

स्पॉट - नौसड़ चौराहे से गीडा तक

टाइम - दोपहर 2.30 बजे

टीम जब दोनों व्यापारियों के सड़क हादसे में हुए मौत वाले रोड पर पहुंची तो वहां बंधे पर चल रहे सौंदर्यीकरण के इस्तेमाल में की जाने वाली बालू, ईंट, सड़क के किनारे गिरे हुए नजर आए। हाई स्पीड में आ रही गाडिय़ों के लिए कहीं से कोई साइन बोर्ड नजर नहीं आया। न तो कहीं अलर्ट करते हुए रेड सिंबल वाले बैरिकेट किए गए।

कमिश्नर का निर्देश बेअसर

30 जून को कमिश्नर रवि कुमार एनजी ने कहा था कि सड़क सुरक्षा शासन-प्रशासन की प्राथमिकताओं में से है। उन्होंने कहा था कि दुर्घटना बाहुल्य चौराहों को ब्लैक स्पॉट के रूप में चिन्हित करने के साथ-साथ स्पीड ब्रेकर, होर्डिंग, लाइट, संकेत चिन्ह लगाते हुए सुधारात्मक कार्यवाही एक सप्ताह के भीतर पूरी कर लिए जाए। इसके लिए आख्या उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने यह भी कहा था कि सड़क के किनारे पार्किंग किए गए वाहनों के प्रति मोटर वाहन अधिनियम के प्राविधानों के अन्तर्गत कार्यवाही सुनिश्चित हो। यह मंडल स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में कही गई थी, लेकिन कमिश्नर का आदेश भी बेअसर रहा।

कार्यदायी संस्थाओं को 14 जुलाई को बुलाया गया है। जहां भी सड़क निर्माण कार्य चल रहे हैैं। उन्हें बताया जाएगा कि वह निर्माण कार्य के दौरान सावधानी कैसे बरतेंगे, लेकिन जहां बेतरतीब गिट्टïी, मोरंग बालू, रोड़े फैला दिए गए हैैं। उसके लिए ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

कृष्णा करुणेश, डीएम गोरखपुर