गोरखपुर (ब्यूरो).गोरखपुर महोत्सव में केके के आने की कहानी भी अनूठी है। इस मौके पर पुराने वाक्ये का जिक्र गोरखपुरवासियों की ओर से मशहूर गायक को श्रद्धांजलि होगी। दरअसल, 2020 की 13 जनवरी को महोत्सव के आखिरी दिन की बालीवुड नाइट सोनू निगम के गीतों से सजनी थी। तैयारी पूरी थी कि 12 जनवरी को प्रदेश सरकार ने ओमान के सुल्तान काबुश बिन सईद अल सईद के निधन पर प्रादेशिक शोक घोषित करते हुए 13 जनवरी को होने वाले सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम को स्थगित कर दिए। नतीजतन सोनू का शो भी स्थगित हो गया। महोत्सव समिति ने उस कार्यक्रम को 14 जनवरी को आयोजित करने का निर्णय लेते हुए सोनू से संपर्क साधा मगर उन्होंने कोलकाता में कार्यक्रम होने की वजह बताते हुए गोरखपुर आने में असमर्थता जता दी। उसके बाद आनन-फानन में किसी अन्य गायक को आमंत्रित करने के लिए समिति ने हाथ-पैर मारना शुरू किया। इसी क्रम में केके का नाम सामने आया। समिति के सचिव ने तत्काल केके से संपर्क साधा। पहले तो उन्होंने इतनी जल्दीबाजी में समय देने से मना कर दिया, लेकिन जब बाबा गोरखनाथ के नाम पर अनुरोध किया गया तो वह इंकार नहीं कर सके। निर्धारित तिथि पर गोरखपुर पहुंचे और न केवल अपने सुरीले गीतों से महोत्सव के समापन की शानदार महफिल सजाई, बल्कि प्रस्तुति के मोहक अंदाज से पूर्वांचल के लोगों के दिल पर अमिट छाप छोड़ गए।

केके का गोरखपुर महोत्सव में आना महज संयोग था। सोनू की बालीवुड नाइट कैंसिल होने से हम लोग काफी निराश हो गए थे, लेकिन बाबा गोरखनाथ के नाम पर आए केके ने शानदार प्रस्तुति से उसकी भरपाई कर दी थी।

रवींद्र कुमार मिश्र, सचिव गोरखपुर महोत्सव समिति

संगीत जगत का चमकता सूरज असमय अस्त हो गया। उनके निधन ने हम सभी कलाकारों को स्तब्ध कर दिया है। गोरखपुर महोत्सव में अपनी गायकी के जादू से सभी का दिल जीतने वाले केके को सभी कलाकारों की ओर से श्रद्धांजलि।

राकेश श्रीवास्तव, सदस्य गोरखपुर महोत्सव समिति

केके बहुत ही प्रतिभाशाली और बेहतरीन गायक थे। उन्होंने 200 से भी अधिक हिन्दी व अन्य भाषाओं में गाने गाये हैं, जो अब हमारे पास पूंजी के रूप में सुरक्षित रहेंगे, किन्तु अचानक से उनका निधन होना सभी संगीत प्रेमिओं को दुख दे गया है।

शरदमणि त्रिपाठी, संगीत विशेषज्ञ

केके के असामयिक निधन से स्तब्ध हुं। इतने बड़े कलाकार का इस तरह से जाना संगीत जगत के लिए एक अपूर्णीय क्षति है। केके के गानों की अपनी एक अलग पहचान हुआ करती थी, जिससे बहुत कुछ सीखने को मिलता था।

नंदू मिश्रा, भजन सम्राट

केके से मेरी अलग पहचान थी, मैं उनको फॉलो करता और उनके गानों से सीख लेता था। वे हमारे बेहतरीन गायकों में सें एक हुआ करते थे, लोगों के बीच उनके गीत काफी फेमस थे। उनकी कमी हमेशा खलेगी।

मनोज मिहिर मिश्र, भोजपुरी गायक