- चिलुआताल के परमेश्वरपुर एरिया में 2 साल में कच्ची से जा चुकी हैं 30 जानें

- 40 पर्सेट औरतें 30 साल की उम्र में ही हो गई विधवा

-लोगों ने कई बार लगाई गुहार लेकिन कच्ची कारोबारियों पर नहीं होती कार्रवाई

- दो साल में बदल गए कई थानेदार, नए थानेदार बोले- अभी तो मैं नया हूं

SARAHRI: परमेश्वरपुर ग्रामसभा का करहीहा टोला। चिलुआताल थाना क्षेत्र में पड़ने वाले इस टोले के करीब 70 फीसदी घरों में कच्ची का कारोबार होता है। कच्ची बनती और बेची जाती है। उसी हिसाब से यहां पीने वालों की भी संख्या है। लेकिन, कहना मुश्किल है कि यहां के लोग कच्ची को पीते हैं या कच्ची उनका खून पीती है। क्योंकि, बीते 2 साल में ही कच्ची पीने से यहां 30 जानें जा चुकी हैं। अब इस आंकड़े पर कोई ऐतबार करे ना करे, यहां के लोगों की जुबान पर उस हर शख्स का नाम है, जो कच्ची का आदी था और कम उम्र में ही अपनी जान गंवा बैठा।

इन जिंदगियाें का क्या?

बताते हैं कि कच्ची से अधिकतर मौते 25 से 38 वर्ष के नौजवानों की हुई हैं। लोग बताते हैं कि कच्ची पीने से मिठाई पुत्र जगवीर, रामसावर पुत्र नंदलाल, अयोध्या पुत्र सेवक, राममिलन पुत्र पलटू, इंदल पुत्र गोरख, गोरख पुत्र शंकर, बद्री पुत्र दोहन आदि समेत 30 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। अभी 20 दिन पहले ही मात्र 25 साल की उम्र में मिठाई की मौत हो गई। 2 महीने पहले 35 वर्षीय अयोध्या चल बसा। परिवार के लोगों ने एक व्यक्ति पर कच्ची पिलाकर मार डालने का आरोप भी लगाया लेकिन सबकुछ मैनेज हो गया। हालत यह है कि इस टोले पर लगभग 40 पर्सेट औरतें 30 साल की उम्र में विधवा हो गई हैं। इसके बाद भी पुलिस कच्ची कारोबारियों पर कार्रवाई नहीं कर रही।

कच्ची से ही जीना और मरना

करहीहा टोले के अधिकतर लोगों के लिए कच्ची ही सबकुछ है। वे कच्ची बनाते हैं, पीते हैं और बेचते हैं। उससे मिले पैसे से फिर कच्ची ही बनाते हैं। अधिकतर घरों के युवाओं, महिलाओं के लिए कच्ची में ही नौकरी है। यहां के 70 पर्सेट घरों में कच्ची का कारोबार होता है। इसलिए लाख समझाने के बाद भी यहां के लोग कच्ची से दूर नहीं हो पाते। लगातार कच्ची पीने से मौत के बाद भी लोग नहीं संभलते। यहां के शेष 30 पर्सेट परिवार भी कच्ची से प्रभावित हैं। वे सहमे रहते हैं। यदि कारोबार का विरोध करते हैं तो उनके विरोध में सैकड़ों कारोबारी एक हो जाते हैं।

सो रही पुलिस

कच्ची कारोबारियों के खिलाफ गांव में जब-तब विरोध होता रहता है। अभी 11 मई को ही कच्ची के विरोध में जीतपुर बाजार में मीटिंग रखी गई थी। उसमें शामिल होने जा रही एक महिला का पैर एक कच्ची कारोबारी ने अपनी बाइक से कुचल डाला। पुलिस ने आज तक केस नहीं लिखा। 26 मई को इन लोगों ने डीएम, एसएसपी से लेकर मुख्यमंत्री तक को पत्र लिखा लेकिन कोई पुलिस वाला गांव में नहीं पहुंचा। तीन दिन पहले 9 जून को लोगों ने जन सूचना अधिकार के तहत पुलिस से जानकारी मांगी है कि उनके पत्रों पर क्या कार्रवाई की गई?

सब सुनते, कोई कुछ नहीं करता

परेशान लोगों का कहना है कि वे सभी अधिकारियों से मांग कर चुके हैं। सुनते सब हैं लेकिन कार्रवाई कोई नहीं करता। 2 साल में कई एसओ आए और चले गए लेकिन कार्रवाई नहीं की। ग्रामीणों ने बताया कि वे सीओ गोरखनाथ से भी कई बार मिले चुके। वे कार्रवाई के लिए हफ्ते दिन का समय मांगते हैं। अगले हफ्ते जाने पर फिर हफ्ता दिन मांगते हैं। कभी कार्रवाई नहीं करते। यही कारण है कि कच्ची कारोबारियों का दुस्साहस बढ़ता ही जा रहा है। वे खुलेआम कारोबार करते हैं और विरोध करने वाले का हाथ-पैर तोड़ देते हैं।

ऐसे बनती है कच्ची

चिलुवाताल क्षेत्र के करहीहा, सोनबरसा, मानीराम, तितली घाट, भंडारो, बेलदारी टोला, अमवा, नृमुद्दीन चौक, सरहरी चौकी के सियारामपुर टिकरिया, मलंग, भगवानपुर में बड़े पैमाने में कच्ची बनती और बेची जाती है। एक कच्ची कारोबारी बताता है कि 5 लीटर कच्ची बनाने के लिए 5 लीटर पानी, 2 किलो गुड़, 1 किलो महुवा, 50 ग्राम फिटकरी लगती है। अधिक नशीला बनाने के लिए यूरिया, मिथाइल और कार्बाइड का यूज करते हैं।

अधिक पीने से जा सकती है जान

डॉ। अखिलेश कुमार सिंह (फिजिशियन) बताते हैं कि महुआ को गलाने से कई तरह के केमिकल एसिड निकलते हैं। इससे आंख की रेटिना और दिमाग पर असर पड़ता है। मिथाइल अल्कोहल से रेटिना डैमेज होती है। आंत और खून खराब हो जाता है। हार्ट अटैक, किडनी खराब होने की समस्या हो जाती है। यूरिया शरीर में जाती है तो कई तरह के केमिकल बनते हैं। इससे पेट में अल्सर हो जाता है। कार्बाइड गैस से दिमाग, गुर्दे और लिवर की बीमारी होती है। इतने हानिकारक तत्व जब एक साथ मिलते हैं तो वे शरीर के सभी अंगों को नुकसान पहुंचते हैं। थोड़ी अधिक मात्रा में प्रयोग से जान तक जा सकती है।

कच्ची से टोले के दर्जनों लोगों की मौत हो चुकी है। कई बार कार्रवाई के लिए अधिकारियों से गुहार लगाई जा चुकी है।

- उमेश पासवान, प्रधान रेनू पासवान के पति

मैं अभी नया आया हूं। मेरे संज्ञान में मामला आया है। जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।

- राम विलास यादव, थाना प्रभारी, चिलुवाताल