- मेडिकल कॉलेज में एचआईवी व हेपेटाइटिस जांच किट खत्म

- जांच के लिए मरीजों को दिखाया जा रहा बाहर का रास्ता

- मेडिकल कॉलेज के दावे की निकली हवा

GORAKHPUR: मेडिकल कॉलेज में एक बार फिर जांच का संकट गहरा गया है। एक हफ्ते से खत्म हुई हेपेटाइटिस और एचआईवी जांच किट अभी तक नहीं आ सकी है, इसकी वजह से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, वहीं उनकी जेब का बोझ भी बढ़ रहा है। उधर डब्ल्यूएचओ और नैको लोगों को एड्स के प्रति जागरुक करने में लगा हुआ है। वही स्वास्थ्य सुविधाओं का दावा करने वाले जिम्मेदार उनकी सारी मेहनत पर पानी फेरने में लगे हुए हैं।

सर्जिकल सामान भी नहीं

दवा और सर्जिकल सामान खत्म है। काटन पट्टी और जरूरी दवाएं भी न के बराबर मौजूद है। सेंट्रल पैथॉलाजी में एचआईसी और हेपेटाइटिस की जांच किट न होने से जांच ठप हो चुकी है। डॉक्टर्स मरीजों को जांच के लिए बाहर का रास्ता दिखा रहे हैं। हालांकि जांच किट कब आ जाएगी? इस सवाल पर मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने भी चुप्पी साध ली है।

नहीं कट रही पर्ची

एचआईवी और हेपेटाइटिस के पेशेंट्स यूजेज चार्ज काउंटर पर मौजूद एंप्लाइज फीस लेने से मना कर रहे हैं। उनका कहना है कि किट खत्म होने की वजह से फीस की पर्ची नहीं काटी जा रही है। अति गंभीर मरीजों को बाहर से जांच कराने को कहा जा रहा है। मजबूरन मरीज के तीमारदार बाहर से जांच कराने को मजबूर हैं। मेडिकल कॉलेज में यह जांच कम पैसे में होती है, लेकिन पेशेंट्स को बाहर की पैथोलॉजी पर अधिक पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो जांच के लिए आये करीब 200 से 250 मरीज वापस लौट रहे हैं।

बजट न होने की वजह से समस्या हो रही है। जल्द ही जांच की व्यवस्था कर ली जाएगी। इसके लिए डिमांड भेज दिया गया है।

डॉ। राजीव मिश्रा, प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज