गोरखपुर (ब्यूरो)।फायर सेफ्टी अधिकारी की ट्रेनिंग नहीं होने से स्टाफ भी आगजनी से लडऩे में सक्षम नहीं। बिजली के प्वाइंट भी कुछ जगह खुले मिले। यह बिंदु दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के रियलिटी चेक में सामने आए। आगजनी की घटना की जांच फायर अफसरों ने शुरू कर दी है।

धुएं से काली हो गई इमरजेंसी की छत

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट टीम शुक्रवार दोपहर वार्ड नंबर 14 मेडिसिन वार्ड पहुंची। इस दौरान गैलरी से लेकर वार्ड तक की सफेद छत और दीवार धुएं के चलते पूरी तरह से काली दिखाई दी। शुक्रवार को वार्ड की साफ-सफाई में कर्मचारी जुटे रहे। वार्ड के फर्श की धुलाई की गई। साथ ही बेडों को भी व्यवस्थित किया।

जंग खाया हाइड्रेंट सिस्टम

मेडिसिन इमरजेंसी के पास तीन हाइड्रेंट सिस्टम लगाए गए हैं। इसमें से एक भी काम नहीं कर रहा और न ही वह ऑटो मोड पर है। आग पर कैसे काबू पाया जाए? स्टाफ को इसकी भी ट्रेनिंग नहीं दी गई है। इस वजह से वह होज पाइप भी नहीं खोल पाए। होज पाइप में पानी की सप्लाई भी नहीं आ रही। हाइड्रेंट सिस्टम का टैक भी खाली मिला। पाइप जंग खाने की वजह से जाम मिेल। कई जगहों पर पाइप तो है, लेकिन उसे दूसरे पाइप में कनेक्ट तक नहीं किया जा सका।

88 लाख के सिस्टम पर जंग

बीआरडी में आग बुझाने के लिए शासन से लगभग 88 लाख रुपए मिले थे। फायर फाइटिंग सिस्टम, फायर एक्सटिंग्यूशर्स और इलेक्ट्रिक सेफ्टी से लैस किया गया, लेकिन रखरखाव नहीं होने की वजह से सिस्टम पूरी तरह से फेल है।

इमरजेंसी अलॉर्म भी बंद

मेडिकल कॉलेज के सभी वार्ड और गैलरी में अलार्म सिस्टम है, पर यह सिस्टम बिल्कुल काम नहीं कर रहा है। यह पूरी तरह से फेल है। बीआरडी प्रशासन कभी भी फायर सिस्टम को चेक नहीं कराता।

फायर अफसर की तैनाती नहीं

अग्निशमन विभाग की ओर से बार-बार पत्र लिखकर फायर सेफ्टी अधिकारी की तैनाती की बात कही गई है, लेकिन अभी तक फायर सेफ्टी अधिकारी की तैनाती नहीं की गई हैं। जबकि आग पर कैसे काबू पाया जाए? उस समय उनकी जरूरत अहम भूमिका निभाती है।

तारों का फैला जाल

ट्रामा सेंटर और इमरजेंसी के पास बिजली के मेन स्विच यार्ड में बिजली के तारों का जाल फैला है। इतना ही नहीं बाक्स के ढक्कन भी खुले मिले। अगर इसे व्यवस्थित नहीं किया गया तो कभी भी शॉर्ट सर्किट से बड़ी घटना हो सकती है।

ये है मामला

मेडिसिन इमरजेंसी फस्र्ट फ्लोर पर है। कॉरिडोर कमरा के पास स्पेश है। जिसे शीशे से कवर किया गया है। इसमें गुरुवार रात 10.15 बजे शॉर्ट सर्किट से आग लग गई। आग लगने से चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई। इमरजेंसी के आसपास वार्डों के मरीज जान बचाने के लिए सुरक्षित स्थानों पर भागने लगे। सूचना मिलते ही 15 मिनट में फायर ब्रिगेड की टीम दो गाडिय़ों के साथ मौके पर पहुंची। हाइड्रेंट सिस्टम फेल होने की वजह से प्राइवेट वार्ड तक सड़क पर गाड़ी खड़ी कर पाइप सेआग पर काबू करने की कोशिश की गई।

इमरजेंसी को आई वार्ड में किया शिफ्ट

आग लगने की घटना के बाद रात में ही मेडिसीन इमरजेंसी को आई वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। शुक्रवार को सभी मरीजों का इलाज चल रहा था। कुछ तो नये मरीज भी भर्ती किए गए। हालांकि, आग की घटना से अभी मरीज दहशत में रहे। अटेंडेंट राजकुमार ने बताया, आग की सूचना चारों तरफ फैल गई। भर्ती बेटे को लेकर बाहर की तरफ भागा, बाहर का नजारा काफी भयावह था। स्थिति सामान्य होने के बाद दूसरे वार्ड में शिफ्ट कराया।

अग्निशमन विभाग और इलेक्ट्रिक सहायक निदेशक की संयुक्त टीम मेडिकल कॉलेज में लगी आग की हर पहलुओं पर जांच कर रही है। जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट शासन को भेजा जाएगा।

जसवीर सिंह, सीएफओ

इधर, आरएमआरसी के पास झाडिय़ों में लगी आग

बीआरडी मेडिकल कॉलेज स्थित आरएमआरसी और सेंट्रल लाइब्रेरी के बीच स्थित झाडिय़ों में शुक्रवार दोपहर अचानक आग लग गई। आग रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर के दक्षिणी दीवाल से सटी झाडिय़ों में लगीं। माना जा रहा है कि किसी कर्मचारी ने जलती बीड़ी फेंक दी होगी, जिससे यह घटना हुई। तेज धूप और हवाओं के कारण आग बढऩे लगी। झाडिय़ों में से आग की लपटों को देख आरएमआरसी और बीआरडी कर्मचारी सतर्क हो गए। आनन-फानन में आरएमआरसी के सुरक्षाकर्मियों ने 10 मिनट में आग पर काबू पाया।