गोरखपुर (ब्यूरो)। अधिकतर स्कूलों में 10वीं और 12वीं के स्टूडेंट्स की प्रिपरेशन लीव शुरू हो चुकी है। ऐसे में घर पर पेरेंट्स अपने बच्चों का अच्छा रिजल्ट बनाने के लिए उनके साथ खुद भी मेहनत कर रहे हैं।

आयुषी को मैथ्स पढ़ा रहे पापा

रैम्पस स्कूल में 12वीं क्लास में पढऩे वाली आयुषी यादव पढ़ाई में तो अव्वल हैं, लेकिन बोर्ड एग्जाम का डर हर स्टूडेंट्स के अंदर आ ही जाता है। मैथ्स से इंटर करने वाली आयुषी का कॉन्फिडेंस घर पर उनके पापा बढ़ा रहे हैं। आयुषी को उनके पापा कैल्कुलस, डिफरेंसिएशन, प्रॉबेबिल्टी, रिलेशन फंक्शन, लीनियर प्रोग्रामिंग, अलजेब्रा, स्टैटिक्स, थ्रीडी जियोमेट्री पढ़ा रहे हैं। वहीं आयुषी स्कूल टीचर्स से भी कॉल कर मदद लेती रहती हैं।

मैथ्स से नहीं केमिस्ट्री से लगता है डर

इसी तरह इंटर के स्टूडेंट्स अनुराग बताते हैं कि उन्हें मैथ्स बिल्कुल आसान लगता है, लेकिन केमिस्ट्री से डर लगता है। इसलिए वे पढ़ाई के शेड्यूल में सबसे अधिक टाइम केमिस्ट्री को देते हैं। अनुराग बताते हैं कि मैं भाग्यशाली हूं कि मेरी मम्मी मुझे बहुत आसान तरीकों से केमिस्ट्री पढ़ाती हैं। जब भी केमिस्ट्री पढ़ता हूं और मुझे कोई भी परेशानी होती है तो उसे दूर करने के लिए मेरी मम्मी मेरे साथ रहती हैं। वैसे स्कूल टीचर्स हर समय हमारे लिए अवेलबल रहते हैं, लेकिन घर पर मम्मी रहती हैं तो उनकी जरूरत ही नहीं पड़ती है। मुझे मम्मी इलेक्ट्रो केमिस्ट्री, केमिकल काइनेटिक्स, हाइड्रोकार्बन, इक्वीलिब्रियम, केमिकल थर्मोडाइनेमिक्स पढ़ाती हैं।

पढ़ाते नहीं भोर में जगाते हैं पेरेंट्स

इसी तरह गोरखनाथ इलाके की रहने वाली सिद्धि बताती हैं कि वो हाईस्कूल में पढ़ती हैं। साइंस साइड के पढ़ाई कर रही सिद्धि बताती हैं कि उनके घर पर पेरेंट्स पढ़ाते तो नहीं हैं, लेकिन अच्छा नंबर अगर मुझे मिला तो उसमें उनका बहुत योगदान होगा। मेरे पेरेंट्स सुबह चार बजे ही मुझे जगाते हैं, साथ में उन्हें भी उठना पड़ता है। इसी तरह सुबह दोपहर शाम हर समय मुझे पढऩे के लिए प्रेरित करते रहते हैं। उन्होंने बताया कि मेरे पेरेंट्स इस समय हर तरह का प्रयास करते हैं कि मैं खुश रहूं, साथ कोई भी जरूरत दो मिनट में पूरी कर देते हैं।

सीबीएसई बोर्ड स्कूल- 117

10 वीं का एग्जाम देंगे- 15000

12वीं का एग्जाम देंगे- 10000

सेंटर बनाए गए- 30

एग्जाम स्टार्ट होगा- 25 अप्रैल

एग्जाम खत्म होगा- 13 जून