गोरखपुर (ब्यूरो)। यह सभी कक्षा 9वीं या उससे ऊपर के स्टूडेंट्स होंगे। इसके लिए लैपटॉप खरीदे जाएंगे। वहीं निराश्रित बच्चों के लिए दूसरी किस्त 45 लाख रुपए की धनराशि भी आ गई है, जिसे भेजने की तैयारी की जा रही है।

100 से अधिक बच्चों को मिलेगा लैपटॉप

बता दें, कोरोना में निराश्रित हुए बच्चों के पालन-पोषण, पढ़ाई व लड़की के विवाह तक के लिए शासन ने मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की शुरुआत की है। गोरखपुर में ऐसे 459 बच्चे है, जिन्होंने अपने पेरेंट्स खोए हैं। इनमें जिले के 100 से अधिक ऐसे बच्चे हैैं। जो कक्षा 9वीं या उससे अधिक के हैैं। जिन्हें पढ़ाई के लिए लैपटॉप दिए जाने की योजना है। इन बच्चों की सूची जिला प्रोबेशन की तरफ से तैयार की जा रही है।

मुख्य धारा में लाने का है प्रयास

डीपीओ सरबजीत सिंह ने बताया कि बच्चों को चिन्हित कर उनके पैरेंट्स के खाते में प्रतिमाह 4000 रुपए के हिसाब से सहायता राशि भेजी गई है। कोरोना काल में निराश्रित एवं अनाथ हुए बच्चों की सुध लेते हुए उनको मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया गया है। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का मुख्य उद्देश्य कोरोना वैश्विक महामारी में अनाथ व निराश्रित हुए बच्चों की देखभाल करते हुए उनकी बुनियादी जरूरतें पूरी करना है।

शादी योग्य होने पर दी जाएगी सहायता राशि

डीपीओ ने बताया कि योजना में 18 वर्ष की आयु तक के ऐसे बच्चों का चयन किया जाता है, जिनके पेरेंट्स दोनों या फिर किसी एक की मृत्यु कोविड महामारी से हुई है। बाल गृहों में रखे जाने वाले बच्चों का दाखिला अटल आवासीय विद्यालय एवं कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में किया जाएगा। योजना में चिह्नित बालिकाओं के शादी योग्य होने पर विवाह के लिए एक लाख एक हजार रुपए की सहायता राशि दी जाएगी। कक्षा 9 या इससे ऊपर की कक्षा में या व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे। 18 वर्ष तक के छात्रों को लैपटॉप या टैबलेट उपलब्ध कराया जाएगा। जनपद में लैपटॉप दिए जाने के लिए 50 बच्चों का चिन्हांकन किया गया है। करीब 37 हजार रूपए एक लैपटॉप की कीमत आएगी। जैम पोर्टल से लैपटॉप खरीदे जाएंगे।