05 हजार रुपए का मिलता है बजट

06 बॉडी हर रोज आती है औसतन

03 के करीब लावारिस बॉडी आती हैं

-झाडि़यों से घिरा हुआ है बीआरडी का मोर्चरी हाउस

-सफाई के लिए मिलता है बजट, फिर भी बदहाल

-झाडि़यों से निकले जानवर यहां रखे शवों को पहुंचाते हैं नुकसान

sunil.trigunayat@inext.co.in

GORAKHPUR: चारों तरफ उगी झाडि़यां। ऐसा लगता है जैसे बरसों से सफाई नहीं हुई है। जर्जर हो चुकी दीवारों को देखकर लगता है पता नहीं कब इनका रंग-रोगन हुआ है। कुछ ऐसा ही बीआरडी मेडिकल कॉलेज में स्थित मोर्चरी हाउस का। इसे देखते ही भूतखाने जैसा फील होता है। महिला की आंख गायब होने का मामला सामने आने के बाद दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट बुधवार को मोर्चरी हाउस का हाल जानने पहुंचा।

प्रॉपर ढंग से नहीं रखी जाती बॉडी

बीआरडी के पुराने मोर्चरी हाउस के अगल-बगल झाडि़यां उग आई हैं। नाम न छापने की शर्त पर यहां के एक कर्मचारी ने बताया कि झाडि़यों और मोर्चरी की सफाई के लिए पांच हजार रुपए का बजट मिलता है। लेकिन इसे कुछ कर्मचारी मिलकर सफाचट कर जाते हैं। यही वजह है कि झाडि़यों से निकलकर जानवर परिसर और मोर्चरी हाउस के कमरे में घूमते रहते हैं। बताया कि मोर्चरी हाउस के भवन की मरम्मत कराने के लिए भी कोई जिम्मेदार ध्यान नहीं देता है। दरवाजे, खिड़कियां और फर्श टूट चुके हैं।

सील तक नहीं करते हैं

-मोर्चरी हाउस के कर्मचारी ने बताया कि पोस्टमार्टम के लिए डेली पांच से छह शव रखे जाते हैं।

-इसमें से दो-तीन को छोड़ कर ज्यादातर लावारिस बॉडी होती है।

-मोर्चरी हाउस में शवों को रखने के लिए किसी तरह का इंतजाम नहीं है।

-इसका नतीजा यह होता है कि बॉडी को इधर-उधर फेंक दिया जाता है।

-रात में यदि किसी भी शव को मोर्चरी हाउस में रखना होता है, तो मेडिकल कॉलेज के कर्मचारी जैसे-तैसे फेंक कर चले जाते हैं।

-उन शवों को ठीक से सील भी नहीं करते हैं। जबकि शवों को रखने से पहले उन्हें कपड़े या चादर में बांध रखा जाता है।

खराब हो चुके हैं डीप फ्रीजर

शव को सुरक्षित रखने के लिए मोर्चरी हाउस में चार डीप फ्रीजर रखे गए हैं। समय बीतने के साथ ही मरम्मत के अभाव में यह खराब हो गए। इसमें दो से तीन लाशों को रखने की व्यवस्था है, लेकिन लापरवाही की वजह से कई सालों से जंग खाकर बेकार हो चुकी है।

बीआरडी मेडिकल कालेज परिसर में स्थित मोर्चरी हाउस की मरम्मत कराने के सम्बंध में मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल से बात की जाएगी। साथ ही उसका मुआयना भी किया जाएगा। जो भी कमिया मिलेंगी उसे दूर किया जाएगाए ताकि मोर्चरी हाउस में परिंदा भी पर न मार सके।

डॉ। सुधाकर पांडेय, सीएमओ