गोरखपुर (ब्यूरो)।सबसे पहले उनके मौत की खबर उनकी बहू जो अपने मायके थी और बनारस में रहने वाली एकलौती बेटी को दी गई, लेकिन दोनों ने ही आने से इनकार कर दिया। वहीं छोटे बेटे प्रशांत के पास केवल 800 रुपए थे। अपनी बात जब प्रशांत ने पड़ोसियों को बताई तो उन लोगों ने चंदा लगाकर अंतिम संस्कार करवाया।

रामजानकी नगर में की थी बेटे की शादी

साल 2016 में मधुर मुरली गुप्ता ने अपने बेटे प्रिंस की शादी रामजानकी नगर रहने वाले एक परिवार में करवाई थी। प्रिंस से अनबन की वजह से उनकी बहू होली के पहले ही मायके चली गई थी। शनिवार को जब बहू को सूचना दी गई तो उन्होंने आने से इनकार कर दिया। छोटे भाई ने प्रशांत ने बताया कि भाभी के बाद बनारस में रहने वाली सिस्टर को भी कॉल कर इस घटना की जानकारी दी।

इज्जत के डर से कर रहे किनारा

मधुर मुरली ने अपनी एकलौती बेटी की शादी बनारस में की है। वो अक्सर उनसे मिलने यहां आती थी। लेकिन इस घटना की सूचना पर उन्होंने भी आने से इनकार कर दिया। बताया जा रहा है कि इज्जत के डर से कई सगे संबंधी दुख के घड़ी में इस परिवार के साथ खड़े होने से कतरा रहे हैं। रविवार को पोस्टमॉर्टम के बाद शाम को करीब 5 बजे मधुर मुरली का शव घर पहुंंचा। कुछ ही मिनटों में उसे लेकर छोटे बेटा प्रशांत राजघाट रवाना हो गया। इस दौरान आस-पास के लोग उसके साथ थे। प्रशांत ने ही पिता का अंतिम संस्कार किया।

पहुंची मुरली की बहनें

मधुर मुरली की पांच बहनें हैं। इसमे से तीन बहने भाई की मौत की खबर पाकर ओल्ड एज में भी बरामपुर और नेपाल से भागी आईं। उन्होंने घर पर आकर बूढ़ी मां को सहारा दिया।