गोरखपुर (ब्यूरो)। दाउदपुर स्थित महाकाली मंदिर परिसर के पीछे गंदगी का अंबार लगा हुआ है। मंदिर कैंपस में कचरे का ढेर है। नवरात्र में काली मंदिर में भक्तों की काफी भीड़ जमा होती है। यह स्थिति तब है जब शहर को साफ-सुथरा एवं स्वच्छ रखने के लिए नगर निगम की ओर से सफाई कर्मियों की फौज खड़ी की गई हैं और स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 के लिए शहर को कचरा मुक्त करने की कवायद जारी है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने रविवार को नवरात्र की तैयारियों को लेकर मंदिरों की सफाई व्यवस्था की हकीकत जानी। हैरान कर देने वाली बात यह थी कि जहां नगर निगम के सफाई कर्मियों की फौज शहर के विभिन्न इलाके को साफ-सुथरा करने का दावा कर रही है। वहीं, मंदिर परिसर में कचरे का ढेर लगा हुआ है। यह हम नहीं बता रहे हैं खुद मंदिर के पुजारी अपनी जुबानी बया कर रहे हैं।

प्राचीन मंदिर में सफाई नहीं

रविवार दोपहर आईनेक्स्ट टीम दाउदपुर प्राचीन महाकाली मंदिर पहुंची। मंदिर के पुजारी आचार्य विजय शंकर ने बताया, मंदिर परिसर की सफाई के लिए नगर निगम की ओर से सफाई कर्मियों की टीम नहीं आती है। हमें खुद परिसर की सफाई करनी होती है। परिसर के पीछे कर्मकांड होता है। जहां कचरे का ढेर लगा है। परिसर की सफाई के लिए अक्सर शिकायत की जाती है। प्रतिदिन यहां सफाई कर्मी सफाई करने नहीं आते हैं। कभी कभार आते हैं। इस वजह से खुद परिसर की सफाई करनी पड़ती है। अब नवरात्र का दिन नजदीक हैं ऐसे में नगर निगम को चाहिए कि वह मंदिर परिसर की सफाई कराए।

काली मंदिर गोलघर

काली मंदिर गोलघर के पुजारी दिलीप सैनी ने बताया, मंदिर परिसर के अंदर की साफ-सफाई की जिम्मेदारी हमारी है। नवरात्रि नजदीक है इसलिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। नवरात्र के पहले दिन से भी भक्तों की काफी भीड़ जमा रहती है। नगर निगम सफाई कर्मियों की टीम परिसर के बाहर की साफ-सफाई प्रतिदिन करती है। साथ ही जो भी कचरे का ढेर एकत्र होता है उसे कूड़ा उठाने वाली गाड़ी ले जाती है। परिसर के बाहर चूना भी गिराया जाता है।

वर्जन

नवरात्रि में प्रतिदिन मंदिर के बाहर की साफ-सफाई के साथ चूना गिरवाया जाता है। साथ ही सुपरवाइजरों को भी निर्देश दिए गए हैं कि मंदिर परिसर के बाहर कचरा जमा न होने पाए। इसकी बराबर निगरानी की जाती है।

डॉ। मुकेश रस्तोगी, नगर स्वास्थ्य अधिकारी