-वसूली के आरोप में एसएसपी ने की थी कार्रवाई

-पुलिस लाइन से रोटेशन में लगाई जा रही ड्यूटी

GORAKHPUR: त्योहारी सीजन में खाली पड़ी पुलिस चौकियों और थानों पर तैनाती के आसार नहीं नजर आ रहे। वसूली के आरोप में हटाए गए पुलिस कर्मचारियों की जगह एसएसपी ने नई तैनाती नहीं की है। उनकी जगह पुलिस लाइन से पुलिस कर्मचारियों की ड्यूटी लगाकर काम चलाया जा रहा है। परमानेंट पुलिस कर्मचारियों की तैनाती न होने से रूटीन के कामकाज पर असर पड़ने लगा है। हालांकि थानेदार यह कर अपनी जिम्मेदारी छुड़ा ले रहे हैं कि सारा काम चल रहा है। रेलवे कॉलोनी पुलिस चौकी, फलमंडी पुलिस चौकी, टीपी नगर पुलिस चौकी व नौसढ़ पुलिस चौकी पूरी तरह से फिलहाल खाली है। वहीं, गुलरिहा, बांसगांव और उरुवा थाना बिना प्रभारी का चल रहा है।

सहूलियत के लिए की तैनाती, करने लगे वसूली

थाना क्षेत्रों में आबादी और क्षेत्रफल के अनुसार पुलिस चौकियों की स्थापना की जाती थी। इसका अपना अलग महत्व होता था। आसपास के लोगों के लिए उनके मोहल्ले में पुलिस चौकी होने से पुलिस के प्रति भरोसा कायम होता था। चौकियों की निर्माण से कम्युनिटी पुलिसिंग को भी बढ़ावा मिलने लगा। मोहल्लों में होने वाली चोरियां, लूटपाट और छिनैती की घटनाएं भी कम हो गई। इसके अलावा लोगों के बीच छोटे-मोटे आपसी विवादों को पुलिस चौकियों पर निपटाने में मदद मिलने लगी। लोगों को बेवजह थाना नहीं जाना पड़ता है। यहां तैनात पुलिस कर्मचारियों को अपने इलाके की पूरी जानकारी होती है। इसलिए शांति व्यवस्था बहाल करने, अपराधियों की धरपकड़ छापेमारी और वांटेड बदमाशों की निगरानी में तैनात पुलिस कर्मचारियों की वसूली की हरकतों से बदनामी शुरू हो गई।

पुलिस लाइन से रोटेशन में लग रही ड्यूटी

अवैध ढंग से वसूली का मामला सामने आने पर एसएसपी ने कार्रवाई की। फलमंडी पुलिस चौकी, नौसढ़, टीपीनगर और रेलवे कॉलोनी पुलिस चौकी पर तैनात दरोगा और सिपाहियों को हटा दिया गया। करीब एक पखवारे पूर्व हुई कार्रवाई से हड़कंप मच गया। पुलिस कर्मचारियों को उम्मीद थी कि जल्द नए सिपाहियों और दरोगा की तैनाती हो जाएगी। लेकिन वसूली की बदनामी से बचने के लिए एसएसपी ने किसी पुलिस कर्मचारी को तैनात नहीं किया। उनकी जगह पुलिस लाइन से रोटेशन में ड्यूटी लगाकर काम चलाया जा रहा है। शिफ्टवार ड्यूटी कर पुलिस कर्मचारी पुलिस लाइन लौट जाते हैं। पुलिस चौकियों के अलावा तीन थानों पर थानेदार की तैनाती की दरकार है।

यह पड़ रहा प्रभाव

- दरोगा और सिपाही की परमानेंट तैनाती न होने कम्युनिटी पुलिसिंग नहीं हो पा रही।

- छोटी-मोटी शिकायतों के लिए भी लोगों को थानों का चक्कर लगाना पड़ रहा है।

- क्षेत्र में पिकेट, गश्त और सम्मन तामिला के लिए अलग से ड्यूटी लगानी पड़ रही है।

- थानों पर तैनात पुलिस कर्मचारियों पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। कई बार ज्यादा ड्यूटी करनी पड़ रही है।

यहां से हटाए गए पुलिस कर्मचारी

कैंट थाना की रेलवे कॉलोनी पुलिस चौकी

खोराबार थाना की फलमंडी पुलिस चौकी

राजघाट थाना की टीपी नगर पुलिस चौकी

बेलीपार थाना क्षेत्र की नौसढ़ पुलिस चौकी

इन थानों पर नहीं एसओ

गुलरिहा

बांसगांव

उरुवा