- ई-टेंडरिंग के जरिए खरीदे जाएंगे एक लाख या उससे ऊपर कीमत के सामान
-एक लाख तक सामान के लिए गवर्नमेंट ई-मार्केट (जीईएम)से करनी होगी खरीदारी
- मार्केट में देश भर के सप्लायर्स की सारी डीटेल्स के साथ कोटेशन भी है मौजूद
GORAKHPUR: गवर्नमेंट के काम में इस्तेमाल होने वाली सुई के लिए भी अब जिम्मेदार एक पैसा नहीं खर्च कर सकेंगे। उन्हें सभी सामान डिजिटल मोड में ही परचेज करना होगा। सरकारी काम में हो रही 'दुकानदारी' और कमिशन के खेल को रोकने के लिए शासन ने सभी जिलो को नया फरमान जारी किया है। एक तहत जहां एक लाख से ऊपर के सामान ई-टेंडरिंग के जरिए परचेज किए जाएंगे, वहीं इससे कम सामान की खरीद के लिए अब जिम्मेदारों को सिर्फ गवर्नमेंट ई-मार्केट (जेम) पोर्टल का सहारा लेना होगा। सिवाए इस पोर्टल के सरकारी महकमों के जिम्मेदार कोई खरीदारी नहीं कर सकेंगे, अगर वह करते भी हैं, तो शासन की ओर से उनका पेमेंट रिम्बर्स नहीं ि1कया जाएगा।
कमिशन के चक्कर में घटिया सामान
सरकारी महकमों में कमिशन का खेल धड़ल्ले से चलता आ रहा है। जो भी वेंडर अच्छी कमिशन देता है तो उसी का टेंडर फाइनल हो जाता है। ऐसे केस में अधिकारियों की जेबें तो भर जाती हैं, लेकिन विभाग को जो सामान मुहैया कराए जाते हैं उनकी क्वालिटी इतनी घटिया होती है कि वह कुछ दिन में ही जवाब दे जाते हैं। ऐसी कंडीशन में बेहरीन क्वालिटी के सामान का पैसा देने के बाद भी न तो विभाग को कुछ मिलता है और न ही जनता को इसका कोई फायदा मिल पाता है। सरकार को भी इससे नुकसान उठाना पड़ता है। इसको देखते हुए सरकार ने सभी जिलों के जिम्मेदारों को यह फरमान भेजा है कि वह छोटे-बड़े सभी सामान इसी पोर्टल से खरीदें।
कंपनियां कोट करती हैं रेट
गवर्नमेंट के इस पोर्टल पर खरीदार और व्यापारी दोनों के बीच लेन-देन होगी। इसमें जहां पहले खरीदने वाले विभाग को रजिस्ट्रेशन कराना होगा, वहीं दूरी ओर व्यापारियों का भी रजिस्ट्रेशन होगा। इसमें अकाउंट खोलने के लिए संस्था का प्रकार, विभाग का नाम और खरीदारी के लिए अधिकृत किए गए सामान की डिटेल भरनी होती है। इसके बाद पोर्टल पर रजिस्टर्ड कंपनी अपने-अपने रेट कोट करती हैं। इसमें विभाग सबसे लोएस्ट रेट कोट करने वाली टॉप थ्री कंपनीज को सेलेक्ट करेगा और इसमें से सबसे मिनिमम रेट और बेहतर क्वालिटी के इक्विपमेंट्स प्रोवाइड कराने वाली कंपनी को ऑर्डर देगा। बिड को ओके करते ही विभाग के पास 7 दिन के अंदर सामान पहुंच जाएगा। इसमें ऑनलाइन पेमेंट की भी सुविधा है।
व्यापारी करा सकेंगे रजिस्ट्रेशन
इस पोर्टल पर कोई भी व्यापारी अपना रजिस्ट्रेशन करा सकता है। इसके लिए gem.gov.in पर लॉग इन करना होता है। अकाउंट खोलने के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड और बैंक अकाउंट की डिटेल देनी होती है। प्रॉसेस करते ही रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। व्यापारी को वो डिटेल भी देनी होगी, जिस कैटेगरी में वह वर्क करना चाहता है। इसके बाद वह विभागों केऑर्डर पर बिड कर अपना रेट कोट कर सकता है। कहने और देखने में यह प्राइवेट ई-मार्केट कंपनी की तरह ही वर्क करती है, लेकिन इसमें आम लोग खरीदारी नहीं कर सकते हैं।
स्टैटिस्टिक -
प्रॉडक्ट - 148146
बायर ऑर्गनाइजेशन - 10660
सेलर्स - 29913
रनिंग टेंडर्स - 3745
रनिंग बिड्स - 827
इन स्टेट में फैसिलिटीज
उत्तर प्रदेश
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असम
मणिपुर
तेलंगाना
पांडिचेरी
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यह सर्विस भी प्रोवाइड करता है जेम
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- सिक्योरिटी एंड सर्विस
- वॉटर सर्विस
वर्जन
गवर्नमेंट से एक लाख से नीचे के सभी सामान गवर्नमेंट ई-मार्केट के जरिए परचेज करने का ऑर्डर किया है। इसकी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं, हालांकि अभी कोई डेडलाइन नहीं है, लेकिन सभी विभागों को इसके लिए निर्देशित किया जा चुका है।
- रेखा गाडिया, डीडीयू, नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर